अनपढ़ भी लड़ सकेंगे पंचायतों के चुनाव-वीरेंद्र कंवर

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पंचायतों के चुनाव वो उम्मीदवार भी लड़ सकते है जो अनपढ़ है क्योकि सरकार ने इसके लिए अभी ऐसा कोई निर्णय नही लिया है । ऐसे में उन लोगो के लिए खुशी की बात है जो चुनाव लड़ने के इछुक है व अनपढ़ है। हिमाचल में बहुत समय से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार वही चुनाव लड़ सकेगा जो कम से कम प्लस टू पास हो।
इन बातों को तब विराम लग गया जब पंचायती राज मंत्री श्री गोपालाष्टमी महोत्सव पर आश्रय गौसदन सोलन पहुंचे। उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार का ऐसा कोई फैंसला इस पर नही लिया गया है लेकिन उम्मीदवार की शेक्षणिक योग्यता को लेकर कोई निर्णय लिया जाए तो ये अच्छा होगा।
वहीं गोपालाष्टमी महोत्सव पर उन्होंने आश्रय गौ सदन में गौशाला हेतु नव निर्माण भवन का शिलान्यास की नींव रखी। उन्होंने इस मौके पर कहा कि गौ माता सड़कों पर न रहे इसके लिए सरकार के प्रयास जारी है और उनकी सरकार गाए माता के संरक्षण, संवर्धन व गाय के भाव को भी समाज में जागृत करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे वेदों में भी गौ माता को पालक बताया गया है व इसमें 33 करोड़ देवी देवताओं का वास है। उन्होंने कहा कि गौ बचेगी तो खेती बचेगी, खेती बचेगी तो पर्यावरण बचेगा, पर्यावरण बचेगा तो और तभी जीवन भी बचेगा ।इसी आधार पर वो गाय के संरक्षण, संवर्धन के साथ साथ उसका भाव सब में हो इसके लिए काम कर रही है।
उन्होंने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जर्सी गाय के चक्कर मे हमने अपनी पहाड़ी गाय को खत्म कर दिया है जबकि हमारी पहाड़ी गाय सबसे उत्तम होती है। अब सरकार ने 10 करोड़ का एक प्रोजेक्ट तैयार करके इसके संरक्षण के लिए काम कर रही है। जिसके लिए केंद्र सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। हमने गौरी के नाम से इस पर काम कर रहे है व इसके नाम से अब दूध भी आ रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की गाय का संरक्षण किया जाएगा व उसे उत्तम नस्ल के बनाया जाएगा व फिर किसानों को दिया जाएगा ताकि किसान फिर इसे सड़कों पर न छोड़ें।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक