2 से 6 साल के बच्चों को टीका लगाने की तैयारी………….

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अब तक 12 साल की उम्र से ऊपर के बच्चे को ही कोरोना की वैक्सीन लगी थी लेकिन अब 2 से 6 साल की उम्र के बच्चे भी देश में सबसे कम उम्र में कोरोना का टीका लगाने वाले बच्चे बन गए हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित कोवोवैक्स को ट्रायल के दौरान 2 से 6 साल की उम्र के 230 बच्चों को दे दी गई। इन बच्चों को कोवोवैक्स की पहली खुराक लग चुकी है। इन बच्चों को कोवोवैक्स की दूसरी खुराक 21 दिनों बाद दी जाएगी। मई तक कोवोवैक्स का ट्रायल पूरा हो जाएगा. इसके बाद 2 साल से ऊपर के बच्चे को कोवोवैक्स वैक्सीन दी जाएगी।

देश के अलग-अलग हिस्सों में 10 अस्पतालों में ट्रायल के दौरान इन बच्चों को कोवोवैक्स वैक्सीन लगाई गई. कोवोवैक्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, देश के 10 अस्पतालों में सबसे कम उम्र के 230 बच्चों को ट्रायल के दौरान ये वैक्सीन दी गई है। यह भारत में कोवोवैक्स का एडवांस ह्यूमन ट्रायल है।

कोवोवैक्स के फेज 2 और फेज 3 का बच्चों पर ट्रायल अगस्त में शुरू हुआ था। इस ट्रायल में कुल 920 बच्चे भाग ले रहे हैं. इनमें 12-17 आयु वर्ग के 460 बच्चे, 7 से 11 साल के 230 बच्चे और 2 से 6 साल के 230 बच्चे शामिल हैं।   सीरम इंस्टीट्यूट के अलावा भारत बायोटेक भी दो से छह साल के बच्चों पर कोवैक्सिन का ट्रायल कर रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ने सबसे पहले ड्रग नियामक संस्था से किशोरों पर कोवोवैक्स के ट्रायल की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। किशोरों पर सुरक्षा के सभी पहलुओं से सुनिश्चित हो जाने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट को 7 से 11 साल के बच्चों पर परीक्षण करने की मंजूरी मिली थी। इसके बाद अब 2 से 6 साल के बच्चों पर इसका ट्रायल किया जा रहा है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक