1952 से लेकर पच्छाद ने इन लोगों को विधायक के तौर पर चुना । इस बार सेहरा किसके सर होगा इसको पता तो 24 अक्टूबर को लगेगा । लेकिन लोगों ने अपना फैंसला अब इवीएम मशीनों में कैद कर दिया है । जितनी उम्मीद जताई जा रही थी मतदान उससे कम हुआ । कयास 80 प्रतिशत मतदान के लगाए जा रहे थे लेकिन 72.85 प्रतिशत में जाकर मतदान रुक गया । उम्मीदवार अब इसे अपने अपने हिसाब से ले रहे है । आंकड़ों की इस गणना में कौन जीतेगा 2 दिन बाद इसका फैंसला आ जायेगा । लेकिन 1952 से लेकर आज तक इन लोगों ने पच्छाद का नेतृत्व किया है और इस बार कुर्सी की जंग को कौन जीतेगा ये दिलचस्प होगा ।
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