शिक्षा में बदलाव के लिए हिमाचल को मिल सकते हैं 750 करोड़

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कोरोना संकट के बीच हिमाचल प्रदेश में शिक्षा में बदलाव के लिए केंद्र सरकार से 750 करोड़ का बजट मिल सकता है। 20 जून के बाद प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की सिफारिश पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय प्रदेश के लिए राशि स्वीकृत करेगा। बीते दिनों हुई पीएबी की ऑनलाइन बैठक में शिक्षा विभाग ने केंद्र को 1600 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का प्रस्ताव दिया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष करीब 750 करोड़ का बजट मिलने की उम्मीद है।

शिक्षा विभाग हिमाचल

वोकेशनल शिक्षा, प्री प्राइमरी शिक्षा, आईसीटी लैब, रोबोटिक शिक्षा और कम्यूनिकेशन स्किल बढ़ाने पर इस वर्ष बजट को खर्च किया जाएगा। शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक आईसीटी (कंप्यूटर) लैब का दायरा बढ़ाया जाना अब बहुत जरूरी हो गया है। केंद्र से सभी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में लैब बनाने की मांग की गई है। प्रदेश में अभी 3840 प्री प्राइमरी स्कूल चल रहे हैं। इनकी संख्या और 950 बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया।


विद्यार्थियों के कम्यूनिकेशन स्किल बढ़ाने के लिए लैब बनाने को बजट मांगा गया है। शिक्षा विभाग ने इस बार एक नई पहल करते हुए वोकेशनल हब एंड स्कोप लैब बनाने की पेशकश भी केंद्र सरकार के समक्ष रखी है। इसके तहत बड़े स्तर पर कुछ जगहों में लैब का निर्माण किया जाएगा। आसपास के स्कूलों के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो-दो दिन यहां बुलाया जाएगा। इसके लिए ट्रांसपोर्ट खर्च भी विभाग ही वहन करेगा। यहां विद्यार्थियों के कौशल को निखारने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। हर घर पाठशाला कार्यक्रम को और अधिक विस्तार देने के लिए भी बजट मांगा गया है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक