नहीं मिला था पानी के टैंक में मरा हुआ बंदर-जल शक्ति विभाग

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नहीं मिला था पानी के टैंक में मरा हुआ बंदर-जल शक्ति विभाग

कसौली विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत गुल्हाड़ी के गांव छटेरा में पेयजन भण्डारण टैंक से मरा हुआ बन्दर मिलने तथा नलों से बदबूदार पानी के साथ आने लगे जानवरों के बाल नहीं आए थे ये सरासर गलत है और जल शक्ति विभाग सोलन ने तथ्यहीन एवं भ्रामक बताया है।
विभाग के एक प्रवक्ता ने इस सम्बन्ध में अवगत करवाया कि 15 जून, 2021 को स्थानीय लोगों द्वारा जल भण्डारण टैंक में कुछ दिखाई देने की जानकारी ग्राम पंचायत गुल्हाड़ी के उप प्रधान दिनेश गोवर्धन को दी गई। उप प्रधान ने इस सम्बन्ध में जल शक्ति विभाग को सूचित किया तथा 15 जून, 2021 को ही जल शक्ति विभाग के सहायक अभियन्ता द्वारा छटेरा स्थित जल भण्डारण टैंक का निरीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि निरीक्षण करने पर इस जल भण्डारण टैंक में पुरानी बोरी के कुछ टुकड़े पाए गए। उन्होंने कहा कि समुचित निरीक्षण के उपरान्त छटेरा के इस जल भण्डारण टैंक में कोई मृत बन्दर नहीं पाया गया। उन्होंने कहा कि लगभग 02 माह पूर्व विभाग द्वारा इस टैंक की सफाई करवाई गई थी और सम्भवतः उस समय बोरी के कुछ टुकड़े टैंक में रह गए थे।
उन्होंने कहा कि टैंक को खाली कर पुनः साफ किया गया है तथा आवश्यक क्लोरीनेशन की गई है। इस सम्बन्ध में ग्राम पंचायत गुल्हाड़ी के प्रधान कमलेश ने अवगत करवाया है कि छटेरा स्थित टैंक में निरीक्षण के उपरान्त बोरी के टुकड़े पाए गऐ हैं। ग्राम पंचायत प्रधान ने जानकारी दी कि 15 जून, 2021 को ही जल शक्ति विभाग द्वारा टैंक की सफाई कर टूटे हुए ढक्कन को भी बदल दिया गया है।
विभागीय प्रवक्ता ने कहा कि सभी को सुरक्षित एवं स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना जल शक्ति विभाग का दायित्व है और इस दिशा में विभाग सत्त कार्यरत है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जिला में स्थित जल भण्डारण टैंकोे की नियमित सफाई एवं क्लोरीनेशन की जाती है और नियमित अन्तराल पर पेयजल के नमूने जांचे भी जाते हैं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर टैंकों का निरीक्षण भी किया जाता है ताकि लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध हो।
उन्होंने लोगांे से आग्रह किया कि ऐसी किसी परिस्थिति में तुरन्त विभाग को सूचित करें ताकि अविलम्ब कार्यवाही की जा सके।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक