विधायक प्राथमिकता की स्कीमों पर भी गंभीरता बरते लोक निर्माण विभाग

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चंबा- विभिन्न विभागों के अधिकारी अपनी विभागीय स्कीमों में मनरेगा कन्वर्जेंस को भी हर हाल में सुनिश्चित करें ताकि स्कीमों के लिए अधिक धनराशि प्राप्त हो सके और मनरेगा का उपयोग भी इन स्कीमों के कार्यान्वयनमें किया जा सके। उद्योग मंत्री एवं चंबा जिला प्रभारी बिक्रम सिंह ने आज चंबा मेडिकल कॉलेज के दरबार हॉल में केंद्र और राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं और स्कीमों की प्रगति को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक में चंबा के विधायक पवन नैयर, जिला मार्केट कमेटी अध्यक्ष डीएस ठाकुर, उपायुक्त विवेक भाटिया, पुलिस अधीक्षक डॉ मोनिका, अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल के अलावा जिला के  एसडीएम और विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी मौजूद रहे।

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उद्योग मंत्री ने कहा कि विभागीय योजनाओं और स्कीमों में मनरेगा कन्वर्जेंस की प्रगति को अगले दो-तीन महीनों के भीतर आयोजित होने वाली आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाए। उपायुक्त मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत विभिन्न विभागों के लिए बाकायदा लक्ष्य निर्धारित करेंगे। उद्योग मंत्री ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक 260 ऐसे कार्य हैं जिन्हें मनरेगा के तहत किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि चंबा जिला की भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर सड़क नेटवर्क के विस्तार की सबसे बड़ी आवश्यकता है। सड़क  सुविधाएं जितना बढेंगी उतनी ही आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार भी  मिलेगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे सड़क निर्माण से जुड़े सभी एफसीए मामलों की क्लीयरेंस को पूरी प्राथमिकता देकर तत्परता के साथ निपटाएं ताकि  सभी सड़कों योजनाओं का कार्य समय पर शुरू हो सके। लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि विभाग विशेषकर विधायक प्राथमिकता की स्कीमों पर भी गंभीरता दिखाए और उन्हें अमलीजामा पहनाए ताकि आवश्यक धनराशि मिले और कार्य भी समयबद्ध तरीके से पूरा हो सके। उद्योग मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास की ग्रामीण क्षेत्र के उत्थान में सबसे बड़ी भूमिका है। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि वे लंबित कार्यो को जल्द शुरू करें। जो कार्य अभी तक शुरू नहीं हुए हैं उनके कारणों को दूर करें या फिर धनराशि को किसी अन्य स्कीम में डाइवर्ट करवाएं ताकि उपलब्ध बजट का उस स्कीम में उपयोग किया जा सके और लोगों को भी उसका लाभ मिले।

उन्होंने इस बात की जरूरत पर भी जोर दिया कि मनरेगा के तहत होने वाले विभिन्न कार्यों को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने के मकसद से जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जा सकते हैं। उद्योग मंत्री ने कहा कि वर्तमान में आयुर्वेद के  जितने भी संस्थान निजी भवनों में चल रहे हैं उन्हें विभाग अपनी भूमि पर निर्मित करके स्थानांतरित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए। उन्होंने बताया कि कामगार कल्याण बोर्ड 90 दिनों के कार्य दिवस अर्जित करने वाले कामगारों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करता है और इनमें मनरेगा कामगार भी शामिल हैं। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि खंड विकास अधिकारी अपने विकासखंड में मनरेगा कामगारों को इस योजना का लाभ देना सुनिश्चित बनाएं। 

उद्योग मंत्री ने कामगार कल्याण योजना और कौशल विकास भत्ता योजना में शामिल लाभार्थियों की सूची मोबाइल नंबर समेत भी तलब की। उन्होंने कहा कि वे स्वयं रैंडम आधार पर उनसे बात करके यह पता करेंगे कि क्या वास्तव में उन्हें लाभ प्राप्त हुआ है या नहीं। 

उन्होंने कहा कि खंड विकास अधिकारी विभिन्न मदों से प्राप्त धनराशि और खर्च का वर्ष वार ब्योरा तैयार करेंगे। खंड विकास अधिकारी पिछड़ा क्षेत्र उप योजना के अलावा अन्य स्कीमों के तहत प्राप्त धनराशि को खर्च करने की व्यवहारिक कार्य योजना के तहत काम करते हुए अगली समीक्षा बैठक में इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। उद्योग मंत्री ने महाप्रबंधक उद्योग को मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में  अधिकाधिक पात्र लाभार्थियों को जोड़ने की दिशा में निरंतर कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा चंबा जिला में रखी गई विभिन्न आधारशिलाओं और उन कार्यों की प्रगति का ब्यौरा भी लिया। 

उन्होंने जिला के सभी एसडीएम को कहा कि वे अपने-अपने उपमंडलों में सुनिश्चित बनाएं कि विशेष तौर से गरीब लोगों के राजस्व संबंधी मामले त्वरित तरीके से निपटाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी विभागों के समन्वय और प्रभावी कार्यान्वयन की उपमंडल स्तर पर जिम्मेदारी संबंधित एसडीएम की है। उद्योग मंत्री ने इसके बाद  कॉविड- 19 को लेकर चंबा जिला में बचाव और एहतियात को लेकर उठाए गए अब तक के कदमों की भी समीक्षा की। उद्योग मंत्री ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों के परस्पर समन्वय से कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए अच्छे प्रयास किए गए हैं और यह इसी का परिणाम है कि चंबा जिला में काफी कम कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए। 

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