पहले कांगड़ा एयरपोर्ट, फिर बनेगा राजोल-मटौर फोरलेन….
मंडी-पठानकोट एनएच किनारे बसे हजारों ग्रामीणों के लिए बड़ी खबर है। राजोल से लेकर घुरकड़ी तक फोरलेन का काम कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार तक डी-स्कोप हो गया है। यानी एयरपोर्ट का विस्तार होने तक राजोल से लेकर घुरकड़ी तक सड़क की चौड़ाई नहीं होगी। पहले एयरपोर्ट का विस्तार होगा, उसके बाद ही फोरलेन पर काम होगा। उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि एयरपोर्ट के विस्तार पर तेजी से काम चल रहा है। गगल (कांगड़ा) एयरपोर्ट के विस्तारीकरण में मांझी खड्ड आती है। इस खड्ड को कैसे बाइपास करना है इस पर जलशक्ति और लोक निर्माण विभाग काम कर रहे हैं।
कांगड़ा हवाई अड्डा 1986 में बनना शुरू हुआ था। यह 1990 में शुरू हुआ था। इस दौरान सैकड़ों लोग विस्थापित हुए थे। वे अपने अधिकारों की पैरवी कर ही रहे थे कि साल 2002 में हवाई अड्डे का पहला विस्तार हो गया। इसके चार साल बार फिर से विस्तार की बातें शुरू हो गईं। अड्डे के विस्तार से खौफजदा लोगों ने अपने मकानों के काम रोक दिए। समय बीतने के साथ-साथ पिछले सात साल से फोरलेन का विस्तार भी राजोल से लेकर घुरकड़ी तक के एरिया के लोगों से जुड़ गया। इस दस किलोमीटर के पैच में कुठमां, रछियालू, गगल, सनौरां, इच्छी, पुराना मटौर, मटौर और घुरकड़ी गांव आते हैं।
इस एरिया को लेकर लगातार फोरलेन व एयरपोर्ट को लेकर कई जगह मार्किंग होने से ये तमाम इलाके थमे हुए हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें दोटूक हुक्मरान ये बता दें कि कितना क्षेत्र प्रभावित होना है, ताकि वे अपने भविष्य के लिए पक्की योजना बना सके। गगल पंचायत ने साफ कहा कि अगर इन प्रोजेक्टों पर तस्वीर साफ न हुई, तो चुनावों का बहिष्कार करेंगे।