नकली वर्दी पहन खुद को बताता था आर्मी अफसर, पहले ISI के हनी ट्रैप में फंसा, अब पुलिस ने दबोचा

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नकली वर्दी पहन खुद को बताता था आर्मी अफसर, पहले ISI के हनी ट्रैप में फंसा, अब पुलिस ने दबोचा

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो खुद को भारतीय सेना में अफसर बताता था। इसके लिए वह सेना की नकली वर्दी भी पहनता था। खुद को सेना में कैप्टन शेखर बताने वाले शख्स का नाम दिलीप है। वह खुद ही पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ISI के हनी ट्रैप में फंस चुका था।  उसके मोबाइल फोन से पाकिस्तान के कई नंबर्स मिले हैं।  नकली अफसर करीब 100 व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा था।  देशी-विदेशी लड़कियों से दोस्ती और उनसे रिश्ते बनाने की नीयत से दिलीप खुद को सेना में कैप्टन शेखर बन कर उन्हें इम्प्रेस करता था। 

दक्षिण दिल्ली पुलिस ने दिलीप के पास से सेना की नकली वर्दी, सेना अधिकारी का फर्जी आईडी कार्ड और 1 मोबाइल फोन भी बरामद किया है।  दिल्ली पुलिस को शुक्रवार (18 जून) को दोपहर करीब 3 बजे सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने रणनीति बनाकर नकली सेना अधिकारी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार शख्स दिलीप, उत्तम नगर के एक स्कूल मे सुरक्षा गार्ड की जॉब करता है। 

गिरफ्तार शख्स के पास से बरामद मोबाइल नंबर से सैकड़ों विदेशी नंबर भी मिले हैं।  व्हाट्सएप के जरिये वह उन सभी के संपर्क में था।  मोबाइल की जांच करने पर पता चला कि आरोपी ने अंतरराष्ट्रीय नंबरों से भी वीडियो कॉल की थी। पूछताछ में आरोपी ने  खुलासा किया कि वह सेना का अधिकारी होने के बहाने सोशल मीडिया पर महिलाओं को आकर्षित करने के लिए भारतीय सेना के कप्तान शेखर के रूप में खुद को पेश करता था। गिरफ्तारी के ऐन पहले भी आरोपी ने  डेटिंग के लिए ग्रेटर कैलाश में एक लड़की को मिलने के लिए बुलाया था, तभी वह पकड़ा गया। 

आरोपी ने यह भी खुलासा किया कि उसने कुछ विदेशी नागरिकों के साथ भी बातचीत की है और उनके साथ कुछ वीडियो और तस्वीरें भी साझा की हैं। आरोपी ने जिन इंटरनेशनल नंबरों पर बात की या जिन इंटनेशनल नंबर्स से आरोपी के पास फोन आए हैं, उनकी सघनता से जांच की जा रही है।  इधर, गिरफ्तार नकली आर्मी कैप्टन से पूछताछ करने के लिए मिलेट्री इंटेलीजेंस, स्पेशल सेल और IB के अधिकाररी ग्रेटर कैलाश पुलिस स्टेशन पहुंचे।  ये अधिकारी पाकिस्तान ISI हनी ट्रैप से जुड़ी जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं। 

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक