प्रसूता मौत मामला: आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई  नहीं हुई तो खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा- विवेक शर्मा

Spread the love
प्रसूता मौत मामला: आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई  नहीं हुई तो खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा- विवेक शर्मा
प्रसूता मौत मामला: आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई  नहीं हुई तो खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा- विवेक शर्मा

बंगाणा (नीना)। कांग्रेस नेता विवेक शर्मा जोनल अस्पताल ऊना में डॉक्टरों की लापरवाही से हुई प्रसूता की मौत पर शोक में डूबे परिवार को सांत्वना  देने कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के तहत बीहड़ू गाँव में पहुँचे। इस दौरान विवेक शर्मा शोक में डूबे परिवार से मिले और उन्हें सांत्वना दी। वहीं आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कारवाई अमल में न लाए जाने और उन्हें न्याय न मिलने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी बात कही। इसी दौरान मृतका के पति ने रूआँसे स्वर में सारी आप-बीता सुनाई और पत्नी की मौत का जिम्मेवार डॉक्टरों को ठहराया क्योंकि परिवार के सदस्यों के बार-बार बुलाने पर डॉक्टर उनकी पत्नी को देखने बार्ड में नहीं पहुँचे थे। इतना ही नहीं पत्नी की मृत्यू के उपरान्त भी कोई भी डॉक्टर उनकी पत्नी को देखने नहीं पहुँचा का भी आरोप रविन्द्र ने डॉक्टरों पर लगाया। परिवार से मिलने के उपरान्त जारी प्रेस ब्यान में विवेक शर्मा ने कहा कि ऊना अस्पताल में हुई ये घटना कोई पहली नहीं है।

इससे पहले भी अनेकों दफा मरीजों और उनके तावेदारों को उपचार करवाने के लिए मुश्किलों के दौर से गुजरना पड़ा है। विक्कू ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार के दो वर्ष के कार्यकाल में वे प्रदेश में अस्पतालों की व्यवस्था को सुधारने में नाकामयाब रहे हैं। रैफरल अस्पताल के नाम से प्रसिद्ध ऊना के क्षेत्रीय अस्पताल में सुविधाएं न के बराबर हैं। स्टाफ की भी भारी कमी चल रही है। जिसके चलते जिले के कोने-कोने से ईलाज का सपना संजोए पहुँच रहे मरीजों और उनके तावेदारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल में उपकरणों की भी भारी कमी है। कोई भी टेस्ट करवाना हो तो डॉक्टर प्राईवेट क्लीनिकों में भेज देते हैं।  विक्कू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऊना अस्पताल को अपग्रेड करने का वादा भी सत्ता में आने के दौरान जनता से किया था लेकिन अपगे्रड करना तो दूर की बात, पूरा स्टाफ मुहैया तक नहीं करवा पाए हैं। ऐसा ही नहीं कि ये हाल सिफ ऊना अस्पताल का है, और भी ऐसे सिविल, सीएचसी और पीएचसी अस्पताल हैं। उनमें भी स्टाफ, उपकरणों समेत अन्य सुविधाओं की भारी कमी है। स्वास्थ्य व्यवस्था चरमर्रा गई है, ये कहना गलत नहीं होगा। अस्पतालों में हो रही मौतें स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली की पोल खोल रही हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं और डॉक्टर उपलब्ध कराए जाएं और क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में हुई प्रसूता की मौत का सबव बने लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कारवाई अमल में लाई लाए। जिससे पीडि़त परिवार को न्याय मिल सके।

Third Eye Today

We’ve built a community of people enthused by positive news, eager to participate with each other, and dedicated to the enrichment and inspiration of all. We are creating a shift in the public’s paradigm of what news should be.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *