मोनाल की कलगी वाली टोपी पहनी तो आप पर कार्रवाई हो सकती है। प्रदेश सरकार की ओर से सभी जिलों के डीसी को पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई मोनाल का शिकार करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। जिन लोगों ने टोपियों पर मोनाल की कलगी लगाई है, उनसे भी इस विषय में पूछा जाए कि वे इसे कहां से लाए हैं। दरअसल मोनाल की विलुप्त हो रही प्रजाति को बचाने के लिए इसके शिकार पर पूर्णतः प्रतिबंध है। गौरतलब है कि हिमाचल के स्थायी निवासी डॉ अमरीक सिंह ने इस संबंध में सीएम जयराम ठाकुर को एक पत्र भेजकर ये बात उठाई थी। उनका कहना था कि जब मोनाल का शिकार ही नहीं हो सकता तो फिर उसकी कलगी टोपी पर कैसे आ सकती है। लोग फैशन के नाम पर टोपियों में मोनाल की कलगी को लगाते हैं।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू की ओर से सभी जिलों के उपायुक्तों को यह पत्र लिखा गया है। शिकायतकर्ता ने पहाड़ी गायकों से भी आग्रह किया है कि वे खुद भी टोपी से मोनाल की कलगी का खुद प्रयोग न करें। दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें। बता दे मोनाल हिमालय के आठ से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर पाया जाता है। मोनाल हिमाचल के अलावा, उत्तराखंड, सिक्किम, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और चीन में पाया जाता है। मोनाल की सुंदर कलगी को कुल्लवी टोपी पर लगाने की परंपरा है। शौक और परंपरा के चलते भी यह पक्षी हर वक्त शिकारियों के निशाने पर रहता है। शिकारी महंगे दाम पर कलगी बेचते हैं।
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