दस कमरों का मकान राख, दो परिवार बेघर, जीवनभर की कमाई राख
ठियोग उपमंडल के भराणा पंचायत के शिकरी गांव में लकड़ी के दो मंजिला मकान में आग लगने से दो परिवारों की जीवनभर की कमाई चंद मिनटों में खाक हो गई। जानकारी के अनुसार, आग लगने का मुख्य कारण शॉर्ट सर्किट होना माना जा रहा है।आग की सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीणों ने बगीचे में स्प्रे करने वाली मशीनों से आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन रसोई घर में रखे सिलिंडर के फटने से आग बेकाबू हो गई और चंद मिनटों में पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। इस दो मंजिला मकान में दस कमरे थे। मकान में बसंत सिंह कंवर और उनका भाई रविंद्र सिंह कंवर अपने परिवार के साथ रहते थे। आग लगने की वजह से दो परिवारों की जीवन भर की पूंजी उनकी आंखों के सामने जलकर राख हो गई और वह कुछ नहीं कर पाए। आग से बागवानी से जुड़ी मशीनों को भी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा पशुशाला भी राख हो गई।
बसंत सिंह कंवर भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। अपनी सेवाकाल के दौरान घर के लिए देशभर के कोने-कोने से अपनी पसंद की चीजें संजोकर लाते रहते थे, लेकिन इस घटना में सामान के साथ उनकी याद से जुड़ीं तमाम पूंजी राखा हो गई। आग की घटना की सूचना मिलते हुए स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी ने घटनास्थल का दौरा करते हुए नुकसान का आकलन कर लिया है।
वन निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने घटनास्थल का दौरा करते हुए पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने की बात कही। उन्होंने पीड़ित परिवारों को 50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की। खाची ने पीड़ित परिवारों को ढांढस बांधते हुए मुख्यमंत्री से मिलकर हर संभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया है। खाची का यह गृह का क्षेत्र है और वह प्रत्येक परिवार के हरेक सुख-दुख में शामिल होते हैं।
बड़े वाहन योग्य सड़क न होने से अग्निशमन विभाग को नहीं दी सूचना
ठियोग स्थित अग्निशमन चौकी में आग लगने की करीब एक बजे सूचना दी गई। घटना स्थल से ठियोग की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है। घटनास्थल तक पहुंचने के लिए छोटे वाहन योग्य सड़क है, जिसमें बड़े वाहन नहीं पहुंच पाते। लकड़ी का मकान चंद मिनटों में ही राख के ढेर में तब्दील हो गया। इन्हीं कारणों को अग्निशमन विभाग को देरी से सूचना देने का कारण माना जा रहा है।
अग्निशमन के एक वाहन के सहारे 50 पंचायतें
ठियोग में प्रदेश की सबसे पुरानी अग्निशमन चौकी है। इस चौकी में दो फायर टेंडर और एक छोटा वाहन क्यूआरवी है। कोरोना काल में छिड़काव करने के लिए केमिकल के इस्तेमाल के कारण क्यूआरवी खराब हो चुकी है, जबकि एक फायर टेंडर वाहन भी खटारा है। चौकी के तहत 50 पंचायतें में आग लगने की सूरत में यही एक वाहन अपनी सेवाएं दे रहा है। पिछले वर्ष मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने ठियोग के अपने दौरे के दौरान इस चौकी को अपग्रेड करते हुए फायर सब स्टेशन करने की घोषणा की थी, लेकिन यह घोषणा फाइलों के ढेर में कहीं दब गई है। ठियोग की भौगोलिक स्थिति कठिन और विस्तार लिए है। इस विषम परिस्थिति में एक वाहन किस तरह आग पर काबू पाने में सक्षम होगा। इसका अंदाजा लगाना मुश्किल काम नहीं है। लोगों ने सरकार से जल्द अपनी घोषणा पर अमल लाने की गुहार लगाई है।