हिमाचल में कमजोर मानसून से 25 लाख यूनिट गिरा बिजली उत्पादन

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हिमाचल प्रदेश में मानसून कमजोर होने से 25 लाख यूनिट तक बिजली उत्पादन कम हो गया है। नदियों में पानी की कमी के चलते बिजली उत्पादन घटा है। हालांकि गर्मियों के मौसम में बिजली की कम मांग से प्रदेश में अभी भी बिजली सप्लाई सरप्लस है। प्रदेश में अभी रोजाना 310 लाख यूनिट बिजली की मांग है, जबकि रोजाना 480 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। प्रदेश सरकार सरप्लस बिजली पंजाब, दिल्ली और गोवा को बेचकर गर्मी से राहत दिला रही है।

बिजली(सांकेतिक)

इन तीन राज्यों को सितंबर अंत तक रोजाना 170 लाख यूनिट बिजली सप्लाई दे रही है। प्रदेश की ओर से दिल्ली को बैंकिंग आधार पर रोजाना 45 लाख यूनिट बिजली दी जा रही है। इस सप्लाई को सर्दियों के मौसम में दिल्ली प्रदेश को लौटागा। पंजाब, गोवा और दिल्ली को भी ओपन टेंडर से बिजली बेची जा रही है। दिल्ली की कई बिजली कंपनियां प्रदेश से सप्लाई खरीद रही हैं। पंजाब को रोजाना 200 मेगावाट, दिल्ली को 20 मेगावाट और गोवा को 50 मेगावाट बिजली बेची जा रही है।


सात साल बाद मानसून के पहले महीने में कम बरसे बादल
प्रदेश में सात साल बाद मानसून सीजन के पहले महीने में कम बादल बरसे हैं। इस वर्ष एक जून से नौ जुलाई तक सामान्य से 30 फीसदी कम बादल बरसे। इस अवधि में 112 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि 161 मिलीमीटर को सामान्य बारिश माना गया है। 13 जून को प्रदेश में मानसून ने दस्तक दी है। वर्ष 2014 में मानसून आने के पहले माह में सामान्य से 38 फीसदी कम बारिश हुई थी।

फसलें प्रभावित, जल स्रोत भी लगे सूखने
जून और जुलाई में सामान्य से कम बारिश होने से फसलों को नुकसान हुआ है। मैदानी जिलों में मक्की की फसल सूखना शुरू हो गई है। आम, लीची, आडू को भी नुकसान हुआ है। जल स्रोत भी सूखने लगे हैं।

सूबे में कल से झमाझम बारिश के आसार
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने रविवार से प्रदेश में झमाझम बारिश के आसार जताए हैं। 11 और 12 जुलाई को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 15 जुलाई तक बारिश का दौर जारी रहेगा। निदेशक ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के चलते प्रदेश में मानसून कमजोर हुआ है। 

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक