सुबाथू में नए विद्यार्थियों एवं शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत “टेलेंट हंट शो-

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पाइनग्रोव स्कूलसुबाथू में नई प्रतिभा चमक उठी जब नए बच्चों और अध्यापकों ने ‘कासा दे टलेंटोस‘ – एक ऐसा नाम जो कैंपस में नए शिक्षकों और छात्रों की उल्लेखनीय प्रतिभा और प्रभावशाली उत्साह के अनावरण के लिए उपयुक्त है। एक मनमोहक टैलेंट हंट शो जिसमें बच्चे अपने भीतरी प्रतिभा को को दर्शाते हैं । सर्वप्रथम स्वागत संबोधन का उद्घाटन वृंदा भसीन और अर्नव सिंगला द्वारा किया गया । पश्चिमी संगीत में  एक के बाद एक उभरते नन्हें कलाकारों ने अपनी सुरीली आवाज में हाल में बैठे सभी श्रोतागण और अध्यापक वर्ग को गाने पर मजबूर कर दिया। पश्चिमी संगीत के पश्चात विद्यार्थियों ने लघु नाटिका “एकायन”, में एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियों द्वारा  सभागार में समां बाँध कर  सभी को आश्चर्य चकित कर दिया ।

 लघु नाटिका “एकायन”, के पश्चात विद्यालय के छात्र-छात्राओं व अध्यापिकाओं ने सामूहिक रूप से शानदार पंजाबी भांगड़ा का प्रदर्शन करके अपने सर्वोत्तम प्रयासों को प्रस्तुत किया और दर्शकोंविद्यार्थियों एवं पुरातन छात्रों के मनमस्तिष्क में अपने कौशल की छाप छोड़ दी, जबकि अध्यापक त्रिदिव  द्वारा क्लिक की गई विद्यालय परिसर की विभिन्न चक्षुप्रिय तस्वीरें  सब को मंत्रमुग्ध कर गईं । अंत में वेदांशी बुंदेला ने सभी का तह दिल से धन्यवाद किया और सभी को स्कूल गान गाने के लिए प्रेरित किया । कार्यक्रम में विद्यालय के कार्यकारी पाइनग्रोव स्कूल के निर्देशक कैप्टन एजे सिंहअध्यक्ष प्रबंधक समीक्षा सिंहप्रबंधक रेणु शर्मागतिविधि प्रभारी गुरप्रीत सिंह के आलावा पंकज शर्मा, दिगंबर भट्टसोनिया कपूरअनीता शर्मासिम्मी गुप्ताउदय कटोचकोमलहरजोत कौरतरवेंद्र कौरपंकज वर्मात्रिदिब, मनीषा गोयल, सुनीता कौशल, रवीन्द्र शर्मा,  राजेन्द्र ठाकुरजतिंद्र वर्मा, मीनू बरार, वीनू सोढ़ी, हीरा सिंह, निधि शर्मा, वर्षा लिहान्तुनीरज कुमाररविन्द्र कुमारअक्षतमनीष व विक्रम कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे।

  

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक