जहरीली शराब प्रकरण में मिले जहर के ट्रेस,खाकी के हाथ लगे वैज्ञानिक प्रमाण

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हिमाचल प्रदेश के मंडी के सुंदरनगर में जहरीली शराब कांड में खाकी के हाथ वैज्ञानिक प्रमाण लगे है। इसके आधार पर पुलिस के अदालत में केस की चार्जशीट को साबित करने में बड़ी मदद मिलेगी।  मृतकों के विसरा में पाए गए मेथेनॉल( Methanol और जहरीली शराब में मिले इसके सैंपल मैच हो गए हैं। शराब को अधिक नशीला बनाने के लिए एथेनॉल में मेथेनॉल (इंडस्ट्रियल अल्कोहल) मिलाई गई थी। इससे यह शराब जहरीली बन गई।

प्रारंभिक जांच में मृतकों के विसरा जांच में मेथेनॉल (Methanol) की पुष्टि हुई थी, लेकिन शराब में मेथेनॉल (CH3OH) की पुष्टि नहीं हुई थी। अब लैब की रिपोर्ट में इसकी मिक्सिंग की पुष्टि हो गई है। ये 28 आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित करने में अहम साक्ष्य बनेगा।     

बिलासपुर के बरमाणा में बहाई गई जहरीली शराब के सैंपल मैच हुए है। बता दे कि जहरीली शराब से सात लोगों की मौत के बाद आरोपी रविंद्र ने इसे नदी में बहा दिया था। इसके बाद अयोध्या फरार हो गया था। बाद में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि यह जहरीली शराब हमीरपुर और नालागढ़ की तीन नकली फैक्ट्रियों में बनी है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में भरे 600 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। इसके बाद मजबूत साक्ष्यों के साथ पुलिस अदालत में अनुपूरक चार्जशीट दाखिल करेगी। संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का कारण पता करने के लिए एक विसरा रिपोर्ट तैयार की जाती है। इन परीक्षणों में, शरीर के आंतरिक अंगों, स्पष्ट रूप से छाती, पेट या श्रोणि के भीतर के अंगों का अच्छी तरह से परीक्षण किया जाता है।

जहरीली होती है मेथेनॉल
रसायन विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार ने अमर उजाला को बताया कि मेथेनॉल केमिस्ट्री की दुनिया का सबसे सरल अल्कोहल है। यह रंगहीन और ज्वलनशील है। इसकी गंध एथेनॉल (Ethanol) जैसी ही होती है। मेथेनॉल जहरीली वस्तु (Poisonous Substance) है। इसके सेवन से मौत हो सकती है। आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इंडस्ट्री एथेनॉल ( Industrial Methanol) का काफी इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि इसमें घुलने की गजब की क्षमता होती है। इंडस्ट्री एथेनॉल  का  इस्तेमाल वार्निश और पॉलिश आदि बनाने में भी होता है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक