सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जामिया हिंसा मामला, CJI ने कहा – छात्र है तो कानून हाथ में नहीं ले सकते

नागरिकता संशोधन कानून(CAA) के खिलाफ जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में छात्रों के प्रदर्शन में हुई हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। मामले पर सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह की अर्जी पर सुनवाई को तैयार हो गया है और इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एएस बोबडे ने कहा, ‘क्योंकि वे छात्र हैं इसका मतलब यह नहीं है कि कानून हाथ में लें। इस मामले पर तभी फैसला जब मामला शांत हो जाएगा। बवाल रुक जाने दीजिए। हम इस हालात में कोई फैसला नहीं दे सकते हैं’। चीफ चीफ जस्टिस ने कहा कि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं और अधिकारों के संरक्षण के लिए अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। लेकिन यह जंग के माहौल में नहीं हो सकता। पहले यह सब (हिंसा) समाप्त होना चाहिए उसके बाद ही हम स्वत: संज्ञान लेंगे।

बता दे दिल्ली पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा के संबंध में रविवार को दो मामले दर्ज किए। वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय ने जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में दाखिल याचिका को सुनवाई के लिए तुरंत सूचीबद्ध करने से इनकार किया। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के जामिया विश्वविद्यालय और उसके आस-पास के इलाकों रविवार को भी प्रदर्शन जारी रहा। नागरिकता (संशोधन) कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पुलिस के साथ झड़प हो गई, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की चार बसों और दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी। झड़प में छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मी समेत करीब 60 लोग घायल हो गए। साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी पुलिस के साथ छात्रों की झड़प हुई, जिसमें करीब 60 लोग घायल हो गए। इसके बाद प्रशासन ने आज इंटरनेट पर रोक लगा दी है।


