RTI में पूछ लिया ऐसा सवाल, गृह मंत्रालय के अफसर सिर खुजा रहे है

Spread the love
RTI में पूछ लिया ऐसा सवाल, गृह मंत्रालय के अफसर सिर खुजा रहे है
RTI में पूछ लिया ऐसा सवाल, गृह मंत्रालय के अफसर सिर खुजा रहे है

आपने टीवी डिबेट और बीजेपी के मंत्रियो के भाषणों में एक शब्द सुना होगा। जिसे सरकार के खिलाफ बोलने वाले लोगों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। “टुकड़े- टुकड़े गैंग”। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह जैसे बड़े नेताओं ने विपक्ष पर हमला करने के लिए अपने भाषणों के दौरान कई बार इस शब्द का इस्तेमाल किया है।  एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक एक आरटीआई याचिकाकर्ता पत्रकार साकेत गोखले ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों से  “टुकड़े- टुकड़े गैंग” को लेकर सवाल पूछे हैं, जिसका जवाब मंत्रालय अब तक नहीं दे पाया है।

सवाल कुछ इस तरह है-

  1. कृपया ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग की परिभाषा बताइए जैसे कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहचान की है. और क्या इस कथित गैंग की पहचान के लिए कोई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तय किया गया है?

  2. कृपया बताएं कि क्या केंद्रीय गृह मंत्री ने कथित ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ का जो उल्लेख किया वो मंत्रालय की विशिष्ट ब्रीफिंग या अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से दी गई जानकारी पर आधारित है?

  3. कृपया बताएं कि क्या केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग में शामिल नेताओं और सदस्यों की कोई लिस्ट तैयार कर रखी है, जिस गैंग का केंद्रीय मंत्री ने उल्लेख किया?

  4. बताइए केंद्रीय गृह मंत्री की घोषणा के मुताबिक ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय कौन सी दंडात्मक कार्रवाई/सजा की योजना बना रहा है? (ये भी स्पष्ट किया जाए कि आईपीसी या अन्य कानूनों की कौन सी धाराओं के तहत ये किया जाएगा)।

गृह मंत्रालय की ओर से अभी तक इन सवालों का जवाब नहीं दिया गया है। नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारियों ने कहा कि ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ (टीटीजी) शब्द का किसी भी इंटेलीजेंस या कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा उल्लेख नहीं किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि इस शब्द का इस्तेमाल 2016 में जेएनयू के कुछ छात्रों के लिए किया गया था जो राष्ट्र विरोधी नारे लगा रहे थे। लेकिन वो किसी गैंग या ग्रुप के सदस्य नहीं थे. ना ही किसी इंटेलीजेंस या कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से अपनी किसी भी रिपोर्ट में ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ जैसा कोई उल्लेख किया गया है।

अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की आरटीआई याचिकाएं दाखिल करने का उद्देश्य गंभीर नहीं होता. वहीं पत्रकार गोखले कहते है कि अगर गृह मंत्रालय से इसका तय समयसीमा 26 जनवरी तक जवाब नहीं मिलता तो वो इस मामले को मुख्य सूचना आयुक्त तक ले जाएंगे।

Third Eye Today

We’ve built a community of people enthused by positive news, eager to participate with each other, and dedicated to the enrichment and inspiration of all. We are creating a shift in the public’s paradigm of what news should be.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *