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देश का विभाजन नेहरू, जिन्ना और अंग्रेजों की सुनियोजित चाल : कश्यप

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शिमला, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने जिला द्वारा आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के कार्यक्रम में भाग किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुरेश कश्यप ने कहा देश का विभाजन उसे समय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और जिन्ना की देन थी जिसको अंग्रेजों द्वारा सुनियोजित तरीके से अमल में लाया गया था। यह दिन हमारे देश के लिए एक काला दिवस है, अखंड भारत की अखंडता को तोड़ने का पहला कदम था। आज भी देश की जनता उसे समय हिंदुओं के ऊपर हुए अत्याचारों और नरसंहार को याद करती है, विभाजन के समय हमने अपने 20 लाख भाई बहनों को खो दिया था। उन्होंने कहा कि 14 अगस्त अर्थात् विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस हमारे इतिहास में उस विभीषिका को स्मरण करने का दिवस है, जब हमारे महान देश का विभाजन हुआ था, इस दौरान करोड़ों लोग विस्थापित हुए और असंख्य लोगों ने अपने प्राण गंवाए थे। उन परिवारों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप, जिन्हें अपने पुश्तैनी घर-आंगन से उखाड़कर पलायन करने को विवश किया गया, मोदी सरकार ने उनके त्याग और बलिदान को स्मरण करने हेतु इस दिवस को औपचारिक रूप से मनाने का निर्णय लिया है। विभाजन हमारे राष्ट्र के इतिहास का एक अत्यंत वेदनापूर्ण अध्याय था, यह और भी दुखद इसलिए रहा क्योंकि समय-समय पर पूर्ववर्ती कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकारों ने उन त्रासद घटनाओं की पूरी सच्चाई को छुपाने का प्रयास किया, जिससे हमारे नागरिकों की उन ऐतिहासिक भूलों के बारे में जानकारी और जागरूकता सीमित रही। यह आवश्यक है कि हम उस कालखंड की पीड़ादायक घटनाओं का गंभीरतापूर्वक चिंतन करें, उनसे उचित शिक्षा ग्रहण करें तथा यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहें कि हमारी मातृभूमि को पुनः ऐसी त्रासदी का सामना कभी न करना पड़े। उस समय के नेतृत्व द्वारा यह समझने में गंभीर चूक हुई, कि उनके निर्णयों का प्रभाव आज के पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर किस प्रकार पड़ेगा और उन्हें हिंसा, उत्पीड़न और जबरन विस्थापन का सामना करना पड़ेगा। नवस्वतंत्र भारत के जन्म के साथ विभाजन की हिंसक पीड़ाएँ भी जुड़ीं हुई हैं, जिन्होंने करोड़ों भारतीयों के जीवन पर स्थायी घाव छोड़ दिए हैं। अतः स्वतंत्रता दिवस का उत्सव तब तक पूर्ण नहीं हो सकता, जब तक हम विभाजन से मिले सबक को स्वीकार न करें। ऐसा आत्मचिंतन हमारे इस संकल्प को और सुदृढ़ करता है कि हम भारत की संप्रभुता, अखंडता और एकता को हर परिस्थिति में बनाए और सुरक्षित रखें।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक