क्षय रोग के खात्मे में पंचायती राज प्रतिनिधियों और गैर सरकारी संगठनों की रहेगी सक्रिय भागीदारी –उपायुक्त

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उपायुक्त डीसी राणा ने कहा है कि ज़िला में क्षय रोग के खात्मे को लेकर संस्थागत गतिविधियों के आयोजन में आयुष विभाग के साथ  पंचायती राज प्रतिनिधियों के अलावा गैर सरकारी संगठनों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए । डीसी राणा ने यह निर्देश आज उपायुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित जिला स्तरीय क्षय रोग उन्मूलन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए  दिए ।

परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण विभाग द्वारा ज़िला में क्षय रोग के खात्मे के लिए उठाए जा रहे आवश्यक कदमों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से ग्रामीण क्षेत्रों में सभी हित धारकों के सहयोग से लक्ष्य आधारित आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करने को कहा ।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रति माह स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएं और इन कार्यक्रमों के दौरान खंड स्वास्थ्य अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारियों की उपस्थिति को भी सुनिश्चित बनाया जाए ।

डीसी राणा ने संडे एक्टिव  केस फाइंडिंग मुहिम को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा वर्कर के माध्यम से किए जाने वाले कार्यों के लक्ष्य निर्धारित किए जाएं । संक्रमण पाए जाने वाले मामलों की अवस्था में जीआईएस मैपिंग करने के साथ मरीजों के रहन-सहन और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी को भी अंकित करना सुनिश्चित बनाया जाए ।

ज़िला  में क्षय रोग उन्मूलन से संबंधित जानकारी और जागरूकता के  प्रचार-प्रसार के लिए उपायुक्त ने बाल विकास परियोजना वृत्त के माध्यम से आयोजित होने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मासिक बैठक में संबंधित खंड चिकित्सा अधिकारी और चिकित्सा अधिकारी को भाग लेने के निर्देश भी दिए ।

उपायुक्त ने  बताया कि सामान्य क्षय रोगी को अपने पोषण के लिए इलाज की अवधि के दौरान हर महीने 500 रुपए की राशि दी जाती है। जबकि एमडीआर रोगी के लिए यह राशि 1500 रुपए है। राशि सीधे रोगी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। रोगी की पहचान करने और उसकी टेस्टिंग के लिए आशा वर्कर को भी विशेष प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि क्षय रोगी अपना इलाज सरकारी संस्थान के अलावा किसी निजी मेडिकल प्रैक्टिशनर से भी करवा सकता है। लेकिन निजी मेडिकल प्रैक्टिशनर को रोगी का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा और उसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करनी होगी। यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान रखा गया है। दवाई लेने के लिए यदि बस का सफर करना पड़े तो योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा साधारण बस किराया भी मुहैया किया जाता है। 

बैठक में कार्यवाही का संचालन जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी हरित पुरी ने किया ।

उन्होंने बताया कि क्षय रोग से संबंधित जानकारी टोल फ्री हेल्पलाइन 1800116666 और 01899-292638 प्राप्त की जा सकती है । 

बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कपिल शर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जालम भारद्वाज, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी अनिल गर्ग,  उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ हर्ष, उपनिदेशक उच्च शिक्षा प्यार चंद चाढक,कंसलटेंट डब्ल्यूएचओ शैलजा कंवर , जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास बालकृष्ण शर्मा,उप जिला शिक्षा अधिकारी हितेंद्र कुमार, अध्यक्ष सेवा भारती  संदीप कुमार, व्यापार मंडल से संदीप महाजन , अध्यक्ष प्रेरणा संस्था विवेक भाटिया सहित संबंधित  अधिकारी मौजूद रहे ।

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