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एवरेस्ट फतह कर लाैटीं कृतिका, बोलीं-मंजिल तक पहुंचने का मन में था जुनून

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माउंट एवरेस्ट शिखर की चढ़ाई करते हुए अंतिम छोर की तरफ कदम बढ़ रहे थे। कदम थके हुए तो जरूर थे, पर हार मानने वाले बिल्कुल नहीं थे। इस दौरान खतरनाक रास्ते के साथ चार-पांच (पर्वतारोही) शव भी पड़े हुए नजर आए। कुछ पल के लिए कदम ठहरे, लेकिन हर हाल में मंजिल तक पहुंचने का जुनून मन में था। आखिरकार माउंट एवरेस्ट शिखर की सफल चढ़ाई करके ही दम लिया। माउंट एवरेस्ट को फतह करने के बाद वापस पांवटा साहिब पहुंचीं एनसीसी कैडेट कृतिका शर्मा ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए ये बातें कहीं।

शेरपा को दी ऑक्सीजन
पांवटा साहिब कॉलेज की बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा कृतिका शर्मा(19) ने माउंट एवरेस्ट शिखर की सफल चढ़ाई के दौरान खास घटना का जिक्र करते हुए कहा की वापस लौटते वक्त येलो बैंड स्थल के पास एक शेरपा (कुक) अचेत पड़ा हुआ था।  दो अन्य साथियों के साथ पास पहुंचीं। हल्की सी हरकत हुई तो अपना ऑक्सीजन मास्क कुछ पल उसे दिया। होश में आने पर साथ वापस लाया और रास्ते में दूसरे ऑक्सीजन मास्क की व्यवस्था कर दी। शेरपा की ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। हम समय पर नहीं आते तो उसकी जान भी जाने का खतरा था। क्योंकि इस कम ऑक्सीजन वाली जगह पर पहले ही माउंट एवरेस्ट फतह करने निकले तीन चार पर्वतारोही के शव पड़े हुए थे। वापस लौटते समय एक शेरपा की जान बचाने से माउंट एवरेस्ट फतह करने की खुशी भी दुगनी हो गई।  गताधार की मूल निवासी कृतिका शर्मा माउंट एवरेस्ट को फतह करने के बाद पहली बार पांवटा साहिब पहुंचीं। कृतिका सहित देश के 10  कैडेट्स ने 18 मई को माउंट एवरेस्ट को फतह करने पर कार्यक्रम के दौरान बधाई दी।

 

कबड्डी में नाम रोशन करना सपना
कृतिका ने बताया की कबड्डी में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करने का सपना रहा है। माउंट एवरेस्ट फतह करने के बाद अब अपनी मंजिल प्राप्त करने के लिए जुनून व संकल्प कहीं गुणा बढ़ गया है। कृतिका ने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता, लेफ्टिनेंट डॉ. पूजा भाटी और एनसीसी के सोलन के ऑफिशल को दिया।

बेटी एवरेस्ट फतेह करने भेजना कठिन फैसला था : परिजन
कृतिका के पिता भरत शर्मा व माता विद्या देवी ने कहा कि जब बेटी को माउंट एवरेस्ट फतेह करने को विदा किया था तो आंखों मे आंसू थे। अब बेटी ने माउंट एवरेस्ट फतह कर यह साबित कर दिया है कि बेटियां बेटों से किसी क्षेत्र में कम नहीं हैं। बेटी चयन के बाद से ही  माउंट एवरेस्ट को फतह करने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थी। पिता भरत शर्मा ने कहा की कृतिका की चुप्पी कुछ बड़ा मन में चलने की तरफ संकेत रहता है। आज, बेहद खुशी है कि बेटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर सकुशल अपने घर वापस लौटी है।

कृतिका ने साबित कर दिखाया: लेफ्टिनेंट डॉ. पूजा भाटी
गुरु गोविंद सिंह जी राजकीय महाविद्यालय पांवटा साहिब में कार्यरत रसायन विज्ञान की सहायक प्रोफेसर लेफ्टिनेंट डॉ. पूजा भाटी ने कहा कि कृतिका ने पूरे देश भर मे हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। यह 1 एचपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी व हमारे लिए अत्यंत गर्व और सम्मान की बात है। कहा कि पहले कैंप में ही देखकर लगा  था कि कृतिका कुछ कर सकती हैं। फिर परिजनों को मनाया। आज कृतिका ने साबित कर दिया है कि की बेटियां बेटों से कम नहीं हैं। ये असाधारण साहसिक कार्य न केवल उनके कॉलेज और बटालियन, बल्कि पूरे प्रदेश, एनसीसी समूह के लिए गौरव का विषय है।  उम्मीद है की कृतिका और भी नई ऊंचाइयां हासिल करेंगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक