उड़नखटोले की खरीद के समर्थन में आए विक्रमादित्य सिंह

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जयराम ठाकुर के उड़नखटोले को लेकर पूरे हिमाचल में विवाद  चला हुआ है। कोई इसके पक्ष में तो कोई विपक्ष में अपनी अपनी राय दे रहा है। जहां कांग्रेस इसको लेकर मुख्यमंत्री को घेरने में लगी हुई है वहीं विधायक विक्रमादित्य सिंह खुलकर मुख्यमंत्री के समर्थन में आ गए है। उन्होंने इस खरीद को प्रदेश हित मे बताते हुए अपनी राय रखते हुए कहा कि हो सकता है आप मेरी राय से सहमत नहीं हो जिसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं लेकिन उन्होंने अपनी बेबाक राय रखते हुए कहा कि  पिछले काफ़ी समय से मुख्यमंत्री के उड़नखटोले के ऊपर विवाद चला हुआ है, जैसा आप जानते हैं हमने हमेशा सही को सही और ग़लत को ग़लत कहने में विश्वास रखा हैं।

जहाँ तक इस हेलीकॉप्टर की बात है हमें लगता है कि बेशक़ यह महँगा ज़रूर हैं(जो हमें विश्वास हैं ग्लोबल टेंडर से शॉर्ट लिस्ट हुआ हैं) और इससे सरकार द्वारा ख़रीदने पर विचार किया जाना चाहिए मगर यह 18 सीटर विमान प्रदेश हित में है, हमें याद रखना चाहिए कि यह हेलीकॉप्टर केवल मुख्यमंत्री के लिए नहीं अपितु दुर्गम क्षेत्र में फँसे लोगों को शिमला आदि और शहरों में लाने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।

हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में लाहौल स्पीति ,पांगी भरमौर, डोडरा क्वाँर जैसे दुर्गम क्षेत्र में फँसे लोगों को लाने के लिए यह हेलीकॉप्टर बहुत आवश्यक है, जिसका उदाहरण कई बार हमने पूर्व में देखा हैं।

हिमाचल ही नहीं हर राज्य के पास अपना विमान है, और जहाँ मुख्यमंत्री इसका इस्तेमाल अपने सरकारी कार्यों के लिए करते हैं वहीं आपातकाल की परिस्थिति मैं इस विमान का इस्तेमाल प्रदेश के और लोगों के लिए पूर्व की तरह भविष्य में भी होना चाहिए।

बहुत से अन्य मसलें हैं जिस पर सरकार को घेरा जा सकता हैं,
परंतु यह उन में से नहीं हैं, इस महामारी के समय में इस हेलीकॉप्टर कि प्रदेश को पहले से ज़्यादा आवश्यकता है , भगवान न करे नासिक जैसी कोई घटना हिमाचल में हो जाएं और मरीज़ों को “एयर लिफ़्ट” करना पड़े या ऑक्सीजन सप्लाई दुर्गम क्षेत्रों में पहुँचानी पड़े तो सरकार किसके पास हाथ फैलाती रहें ?

अगर किसी को हमारे विचार बुरे लगें, तों हम उसके लिए क्षमाप्रार्थी है,
परंतु हम हमेशा तथ्य और तर्क के साथ, अपने विचार रखते रहेंगे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक