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अशोक स्तंभ को हजरतबल दरगाह में खंडित करना अशोभनीय : विवेक शर्मा

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सोलन: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विवेक शर्मा ने कांग्रेस की खामोशी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि श्रीनगर स्थित वक्फ बोर्ड द्वारा हजरत बल दरगाह के जीनोधार (रिनोवेशन) के पश्चात नव निर्मित भवन द्वार पर लगी शिला पट्टिका पर अशोक स्तंभ को तोड़ने और खंडित करने का जो साहस और प्रयास हुआ है वह इस्लामिक धार्मिक स्थलों पर अपवाद और विवाद ही नहीं अपितु एक मानसिकता की राष्ट्र के प्रति सोच है उसे संरक्षण और उसके पक्ष में बयान देने वाले राजनीतिक दलों का राष्ट्र के प्रति उत्तरदाई होने का भी प्रमाण पत्र है। जो पी.डी.पी और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं की सोच को भी दर्शाता है।
मुख्यमंत्री अमर अब्दुल्ला का यह बयान के धार्मिक स्थलों पर अशोक स्तंभ के चिन्ह नहीं लगते हैं ,ने राष्ट्र में एक नए विवाद को जन्म दिया है। धार्मिक स्थलों पर देशवासियों के टैक्स व अन्य माध्यम से प्राप्त राजस्व से भी किसी समुदाय विशेष के धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार “रिनोवेशन”नहीं होता है। यह रिनोवेशन अल्पसंख्यक मंत्रालय के सेंट्रल वक्फ काउंसिल CWC के माध्यम से हुआ है। यह पट्टीका वक्फ बोर्ड द्वारा उद्घाटन के समय लगाई गई थी। तब इसका विरोध क्यों नहीं किया गया और उस समय वक्फ का पैसा क्यों लगने दिया। मामला यहीं नहीं थम रहा इसके आगे की दास्तां और भी खूबसूरत है। जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्षा मोहतरमा डॉ सैयद दरख्शा अंद्राबी महिला होने के नाते भी शयद कट्टरपंथियों को हजम नहीं हो पा रही है।
जो महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने पर मानसिक रूप से तैयार नहीं है।
हैरत की बात है क्या आज कांग्रेस को सांप सूंघ गया है। आपदा का निरीक्षण करने गए हिमाचल सरकार के मंत्री जगत सिंह नेगी ने कुछ नाराज नागरिकों पर मुकदमा दर्ज किया है कि राष्ट्र ध्वज का अपमान हुआ है। ध्वज का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान लेकिन अशोक स्तंभ का स्थान कहां है। उसका स्पष्टीकरण भी कांग्रेस को देना चाहिए और इस पर उनका क्या रुख है इसे भी खुलकर स्पष्ट करना चाहिए।
अमन चैन खुशहाली की दुआ का प्रतीक ईद ए मिलाद यानी कि पैगंबर साहब का जन्मदिन जिस तरह से मनाया गया है वह अपने आप में अमन चैन की परिभाषा को दर्शा रहा है। अब देश का सांप्रदायिक तनाव कौन बड़ा रहा है।
यह बुद्धिजीवी समाज में एक सामान्य घटना नहीं है। इस पर चिंतन जरूर करें और जो खामोश है उनकी खामोशी पर भी विचार जरूरी है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक