IGMC शिमला के एक डॉ पर बदतमीजी करने का लगा आरोप

IGMC शिमला के एक डॉ पर बदतमीजी करने का आरोप लगा है । जिसकी बाकायदा मुख्यमंत्री को भी सीएम हेल्पलाइन मे शिकायत की गई है ।
सोलन के वकील नीरज भारद्वाज ने शिकायत मे IGMC के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट को भी शिकायत दर्ज करवा दी है। अपनी शिकायत में उन्होनें बताया कि उनकी पत्नी को पिछले 6 महीने से डिस्क की प्रॉबलम है। ज्यादा दर्द होने पर वह अपनी पत्नी को लेकर 18 अप्रैल को IGMC शिमला में चैकअप करवाने के लिए गए थे । लेकिन इस दौरान डॉ ने उनसे बतमीजी से बात की और कहा कि सोलन में ही ट्रीटमेंट करवा लो यहां क्यों आए हो। यही नहीं डॉ ने कहा कि एड्मिट होना है तो चैक करूंगा नहीं तो वापिस चले जाओ। इस पर वह मजबूर होकर अपनी पत्नी को एड्मिट करने के लिए तैयार हो गए। इस दौरान जब उन्होनें नर्स से पूछा कि कितने दिन के लिए एड्मिट करना होगा तब नर्स से उन्हें पता चला कि डॉ ने उनकी पत्नी को सर्जरी करने के लिए एड्मिट किया है। इसके बारे में पूछने के लिए जब वह डॉ के पास गए तो डॉ ने पुनः बतमीजी करते हुये कहा कि ऑपरेशन करवाना हो तो करवाओं नहीं तो किसी अन्य डॉ को दिखा ले। यही नहीं डॉ ने उनकी पत्नी की पर्ची पर कोई दवाई भी नहीं लिखी। जिसके बात वह हताश होकर अपनी पत्नी को लेकर IGMC से वापिस लौट गए।


जिसके बाद नीरज ने इसकी शिकायत दर्ज करवा दी है । नीरज ने कहा कि एक तरफ देश मे बहुत से डॉक्टर अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सेवा मे डटे हुए है व कोरोना जैसी बीमारी मे भी अपनी सेवाएँ दे रहे है वहीं कुछ ऐसे भी डॉक्टर है जो उनकी छवि को खराब करने मे लगे हुए । ऐसे लोगो से सरकार सख्ती से निपटे ताकि कुछ लोगों के कारण सभी लोग बदनाम ना हो । वहीं एमएस आईजीएमसी डॉ जनक से जब इस बारे मे उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होने अपनी व्यवस्था का हवाला दिया । जैसे ही उनकी प्रतिक्रिया हमे उपलब्ध होगी उसे भी प्रकाशित कर दिया जाएगा ।


सोलन के वकील नीरज भारद्वाज ने शिकायत मे IGMC के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट को भी शिकायत दर्ज करवा दी है। अपनी शिकायत में उन्होनें बताया कि उनकी पत्नी को पिछले 6 महीने से डिस्क की प्रॉबलम है। ज्यादा दर्द होने पर वह अपनी पत्नी को लेकर 18 अप्रैल को IGMC शिमला में चैकअप करवाने के लिए गए थे । लेकिन इस दौरान डॉ ने उनसे बतमीजी से बात की और कहा कि सोलन में ही ट्रीटमेंट करवा लो यहां क्यों आए हो। यही नहीं डॉ ने कहा कि एड्मिट होना है तो चैक करूंगा नहीं तो वापिस चले जाओ। इस पर वह मजबूर होकर अपनी पत्नी को एड्मिट करने के लिए तैयार हो गए। इस दौरान जब उन्होनें नर्स से पूछा कि कितने दिन के लिए एड्मिट करना होगा तब नर्स से उन्हें पता चला कि डॉ ने उनकी पत्नी को सर्जरी करने के लिए एड्मिट किया है। इसके बारे में पूछने के लिए जब वह डॉ के पास गए तो डॉ ने पुनः बतमीजी करते हुये कहा कि ऑपरेशन करवाना हो तो करवाओं नहीं तो किसी अन्य डॉ को दिखा ले। यही नहीं डॉ ने उनकी पत्नी की पर्ची पर कोई दवाई भी नहीं लिखी। जिसके बात वह हताश होकर अपनी पत्नी को लेकर IGMC से वापिस लौट गए।