हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग पर 10 लाख रुपए की कॉस्ट लगाई है. न्यायधीश अजय मोहन गोयल ने यह आदेश कुलविंदर सिंह नाम की याचिका की सुनवाई के बाद पारित किए. प्राथी ने याचिता में आरोप लगाया है कि उसे भूमिहीन प्रमाण पत्र देने के बावजूद भी आयोग ने उसे एक अंक नहीं दिया है. आयुर्वेद विभाग मे फार्मासिस्ट के पद के लिए चयन प्रक्रिया के दौरान यह कोताही आयोग ने बरती है. हाईकोर्ट के समक्ष लंबे समय से चल रहे इस मामले के निपटारे के लिए हाईकोर्ट ने आयोग से वांछित सहयोग न मिलने के लिए आयोग को जिम्मेदार मानते हुए यह कॉस्ट लगाई है.