धर्मशाला की सड़कों पर नजर आएंगे NCC कैडेटस, संभालेंगे ट्रैफिक की जिम्मेदारी

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हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में सड़कों पर ज्यादा यातायात यानी पीक ऑवर्स में ट्रैफिक वालंटियर्स सेवाएं देते हुए नजर आएंगे. इसके लिए 25 एनसीसी कैडेटस को ट्रैफिक पुलिस के साथ अटैच किया गया है, जो कि सुबह व शाम के समय दो-दो घंटे तक अपनी सेवाएं देंगे. यह ट्रैफिक वालंटियर्स वाहन चालकों व पर्यटकों को यातायात जागरूकता व सड़क सुरक्षा का पाठ भी पढ़ाएंगे.

ट्रैफिक वालंटियर्स योजना को अभी तक जिला मुख्यालय धर्मशाला में शुरू किया गया है, जिसके तहत धर्मशाला कालेज के 25 एनसीसी कैडेटस को तीन दिन की ट्रेनिंग देकर ट्रैफिक पुलिस के साथ अटैच किया गया है. प्रदेश में ट्रैफिक वालंटियर्स, यातायात प्रबंधन और जागरूकता में स्वेच्छा से योगदान देते हैं. इनका काम यातायात व्यवस्था को संभालना और पर्यटकों को गाइड करना भी होता है.

सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करने का तैयार किया प्लान

जिला में ट्रैफिक वालंटियर्स के तौर पर एनसीसी कैडेट्स वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करने को लेकर प्लान तैयार किया गया है. धर्मशाला जिले में इस योजना को शुरू करने से पहले धर्मशाला में कालेज के 25 एनसीसी कैडेट्स को तीन दिन की ट्रेनिंग के बाद ट्रैफिक पुलिस के साथ अटैच किया गया है. कांगड़ा पुलिस की ओर से तैयार की गई इस योजना के तहत इन ट्रैफिक वालंटियर्स को कुछ मेहनताना का भी प्रस्ताव भी है, लेकिन यह अभी फाईनल नहीं हो पाया है.

जिले में लागू करने का प्लान

उधर, एएसपी कांगड़ा हितेश लखनपाल ने बताया कि धर्मशाला में ट्रैफिक वालंटियर्स के तौर पर कालेज के 25 एनसीसी कैडेट्स को ट्रेनिंग दी गई है. पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर धर्मशाला में इनकी सेवाएं ली जा रही हैं, इसके बाद जिला भर में इसे लागू करने का प्लान है. त्योहार और छुट्टी होने के कारण आने वाले दिनों में धर्मशाला में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने वाला है. जिसकी वजह से लोगों की भीड़ और वाहनों की संख्या बढ़ेगी.

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक