वनों की आग पर नियंत्रण पाने के लिए जन सहभागिता व लोगों को जागरूक करना आवश्यक

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मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने यहां प्रदेश में वनों को आग से बचाने के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि वन हमारी अमूल्य सम्पदा है जिसकी सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है। वनों में लगने वाली आग पर नियंत्रण पाने के लिए जन सहभागिता और लोगों को जागरूक करना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को वनों में आग लगने पर उसे बुझाने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि जंगल में धुंआ या आग की जानकारी मिलने पर निकटतम वन विभाग कार्यालय या आपातकालीन सेवाओं के टोल-फ्री नम्बर-1077 और 1070 पर सूचना अवश्य दें।मुख्य सचिव ने कहा कि आग लगने का कारण बनने वाली गतिविधियों जैसे वन क्षेत्रों में जलती हुई सिगरेट फेंकना, प्रतिबंधित क्षेत्रों में कैंप फायर करना या जंगलों के पास आतिशबाजी इत्यादि बिल्कुल भी नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आमजन को वनों की आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों और अग्निशमन के प्रयासों में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने लोगों से अवैध रूप से जंगल में आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों के बारे में जानकारी हिमाचल प्रदेश वन विभाग और कानून प्रवर्तन एजेंसी को देने का आह्वान किया।

प्रदेश के लगभग 27.73 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र है। प्रदेश के 2759.62 किलोमीटर क्षेत्र में चीड़ के वन हैं। चीड़ के वृक्ष आग की घटनाओं के लिए अति संवेदनशील है। प्रदेश के वन क्षेत्र में वर्ष 2023-24 के दौरान आग लगने की घटनाओं से काफी क्षेत्र प्रभावित हुआ है। मुख्य सचिव ने कहा कि वनों को आग से बचाने के लिए अनेक महत्वाकांक्षी उपाय किए गए हैं। विभाग को मल्टी यूटिलिटी व्हीकल, ब्लोेेबैग इत्यादि उपलब्ध करवाए गए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन की सहायता से निगरानी का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वयंसेवकों व गैर सरकारी संगठनों के सदस्य पंजीकृत किए गए हैं और इन्हें संबंधित क्षेत्रों में जंगल की आग के बारे में सूचित किया जाता है। इस अवसर पर स्टेट नोडल ऑफिसर निशांत मंढोतरा ने विस्तृत प्रस्तुति दी।

बैठक में पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, पीसीसीएफ (हॉफ) राजीव कुमार, एडीजीपी एवं निदेशक फायर सर्विसिज राकेश अग्रवाल, निदेशक ग्रामीण विकास राघव शर्मा, विशेष सचिव डीसी राणा और निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क राजीव कुमार उपस्थित थे। वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक