राज्यसभा चुनाव के नाटकीय घटनाक्रम के बाद अब हिमाचल की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आया है। सुक्खू सरकार के लोक निर्माण विभाग मंत्री व दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में इस्तीफे का ऐलान कर सबको चौंका दिया।
विक्रमादित्य ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया है। विक्रमादित्य का कहना था कि पार्टी में जिस तरह के हालात बने हुए हैं उसे देखते हुए यह निर्णय लिया है, उनका पद पर बना रहना सही नहीं है। लिहाजा पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि सरकार में विधायकों की अनदेखी हुई है। भावुक होते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि 6 मर्तबा के मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के लिए माल रोड पर दो गज भूमि नहीं मिली, ऐसी सरकार में उनका बना रहना शायद सही नहीं है। उन्होंने कहा कि पद और कार्यों को बखूबी निभाया है। नेतृत्व परिवर्तन के सवाल पर विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि यह पार्टी आलाकमान तय करेगा कि परिवर्तन होना है या नहीं। लेकिन वह पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
वही, विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वह केवल पद से इस्तीफा दे रही है,पार्टी में बने रहेंगे। कांग्रेस के 6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) के बाद हिमाचल की राजनीति में खासी उथल पुथल चल रही है। बुधवार सुबह भाजपा ने राज्यपाल से मिलकर मत विभाजन की मांग की थी। बुधवार सुबह बागी विधायक वापस लौट आये,लेकिन घटनाक्रम में उस समय नया मोड़ आ गया था जब बागी विधायकों ने सीएम को बदलने की मांग की। इसी बीच कांग्रेस के तेजतर्रार व युवा मंत्री लोकनिर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे ने सरकार की मुश्किलों को बढ़ा दिया है।
20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक