कालका-शिमला ट्रैक पर तीन बोगी वाले ट्रेन सेट का पहली बार सफल ट्रायल

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विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर पहली बार तीन बोगी वाले ट्रेन सेट (सेल्फ प्रोपेल्ट हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट) का सफल ट्रायल हुआ। बुधवार को रेलवे बोर्ड की टीम कालका से धर्मपुर रेलवे स्टेशन तक ट्रेन सेट लेकर आई। इसके बाद यहीं से ट्रेन सेट कालका की ओर रवाना हुआ। बंगलूरू से भी एक तकनीकी टीम आई थी, जिन्होंने ट्रायल की रिपोर्ट तैयार की। अब यह रिपोर्ट बोर्ड को जाएगी। इसके बाद कालका से शिमला तक इसका ट्रायल होगा।

यदि ट्रायल सफल रहा तो बोर्ड जल्द इस ट्रैक पर ट्रेन सेट की सुविधा देगा। इससे पहले आठ माह के भीतर कालका से टकसाल तक किए गए तीन ट्रायल फेल हो गए थे। टकसाल रेलवे स्टेशन पहुंचने से पहले ही ट्रेन सेट का इंजन गर्म हो जाता था। इस बार खामियों को दूर करने के बाद यह ट्रायल किया गया। बोर्ड ने बंगलूरू से टीम बुलाई और खामियां दूर करने के लिए ट्रेन सेट जांचा गया। इसके जांचने और अपग्रेड करने के बाद बुधवार को सफल ट्रायल हुआ।

180 यात्री कर पाएंगे सफर
तीन कोच के इस ट्रेन सेट में 180 यात्री सफर कर पाएंगे। इसमें प्रति कोच 60 यात्री बैठ सकते हैं। इसे ट्रेन सेट को इंजन रहित ट्रेन भी कहते हैं, क्योंकि इसमें कोच के अंदर ही इंजन लगे हैं। ट्रेन सेट में सुविधाजनक सीटों के अलावा, एसी, हीटर, एलईडी व डिस्प्ले बोर्ड उपलब्ध है। रेल मोटर कार के विकल्प के तौर पर चलाए जाने वाले ट्रेन सेट के तीनों कोच वेस्टिबुल (आपस में जुड़े) हैं। यात्री गाड़ी से उतरे बिना एक कोच से दूसरे में जा सकते हैं।
आज कालका से सोलन के बीच होगा ट्रायल
गुरुवार को कालका से सोलन के बीच रेलवे बोर्ड ट्रायल करने के बारे में विचार कर रहा है। इसके लिए टीम ने उच्चाधिकारियों को कहा है। इस दौरान भी इंजन में आ रही खामियां जांची जाएंगी।

खामियां दूर करने के बाद रेलवे बोर्ड ने ट्रेन सेट का बुधवार को कालका से धर्मपुर के बीच सफल ट्रायल किया। अब जल्द आगामी ट्रायल भी होंगे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक