सोलन को मेयर और डिप्टी मेयर मिलने में थोड़ा ही समय रह गया है लेकिन दोनों ही पार्टियों के नेताओं की धड़कने बढ़ती जा रही है। बेशक कांग्रेस ने 17 में से 9 सीटों पर कब्जा कर लिया है लेकिन भाजपा ने अभी भी उनकी नींदे खराब जरूर की हुई है।
भाजपा के सेंधमारी के डर के चलते कांग्रेस ने अपने पार्षदों को सोलन से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सभी को एक साथ रखा गया है ताकि कोई भी भाजपा नेता उनसे संपर्क न कर सके।
कांग्रेस के 9 पार्षदों मे से 6 महिला पार्षद है जबकि 3 पुरुष। ऐसे में महिला पार्षदों के साथ उनके पतियों को भी शिमला की हसीन वादियों की सैर कराई जा रही है। लेकिन शिमला की ठंडी वादियों को भी सोलन की राजनीति ने गर्म कर दिया है।
जहां पार्टी के नेता मेयर व डिप्टी मेयर पर कब्जे के लिए पार्षदों को एकजुट किए हुए है वहीं पति भी अपनी पत्नियों को डिप्टी मेयर बनाने के लिए दवाब डाल रहे है।
जानकारी के अनुसार मेयर पद के लिए पार्टी में सहमति बन गई है जहां शुरू के ढाई साल के लिए पूनम ग्रोवर मेयर बनेगी वहीं बाकी के ढाई साल के लिए सरदार सिंह को मेयर बनाया जाएगा।
डिप्टी मेयर के लिए राजीव कौड़ा के नाम पर भी एक राय बनती नजर नहीं आ रही है। जबकि पहली बार चुनाव जीतकर आए सभी पार्षद अपने आकाओं के सहारे अपनी गोटियाँ फिट करने में लगे हुए है।
भाजपा भी इसी पर नजर गाड़े हुए है और उन्हे उम्मीद है कि इसी का फायदा उन्हे होगा और जिसे इस पद से वंचित रखा जाएगा वो उनके पक्ष में मतदान कर देगा।
कांग्रेस के लिए यही बात सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रही है। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी वोटिंग के लिए व्हिप जारी कर रही है। व्हिप जारी करने के बाद कोई भी पार्षद भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं कर सकेगा अगर किया तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी व जो भी पार्षद ऐसा करेगा उस वार्ड में दुबारा से चुनाव होगा।
नतीजा अब कुछ भी आए लेकिन इतना जरूर है कि अपने पतियों के सहारे भी महिला पार्षद भी डिप्टी मेयर बनने की हसरतें पाले हुए है। अब किसके हाथों की लकीरों में राजपाठ होगा ये 13 अप्रैल को पता चल जाएगा लेकिन तब तक पार्टियों नेताओं को अपने पार्षदों को संभाल कर रखना भी चुनौतीपूर्ण होगा।
फ़िलहाल सभी पार्षद शिमला में है व राजिन्द राणा व डॉ धनीराम शांडिल के साथ है।
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