4 मंजिला भवन के मलबे में दबा मिला 24 लाख का कैश, सर्च ऑपरेशन जारी……

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जिला शिमला के चौपाल बाजार में बीते शनिवार को जमींदोज हुए चार मंजिला व्यावसायिक भवन के मलबे के नीचे लॉकर और एटीएम से बैंक प्रबंधन के 24 लाख रुपये दब गए थे जिन्हे अब निकाल लिया गया हैं। वहीं अब यूको बैंक के डीजीएम की उपस्थिति में मलबे के ढेर से मजदूरों की मदद से जरूरी दस्तावेजों की तलाश की जा रही है। चार मंजिला भवन गिरने की घटना के दूसरे दिन यूको बैंक, कृषि विकास बैंक, ढाबा मालिक और बीयर बार मालिक ने भी सर्च अभियान चलाया। एटीएम भी निकाल लिया गया है। एटीएम में दो लाख कैश, लॉकर में 22 लाख कैश सुरक्षित मिल गया है। बैंक के लिए नए भवन की व्यवस्था भी कर ली गई है। सोमवार से बैंक शाखा चालू कर दी जाएगी।

डीजीएम शमशेर नेगी ने कहा कि चौपाल शाखा को चलाने के लिए जोनल ऑफिस शिमला से कंप्यूटर आदि सामान मंगवाया गया है। उन्होंने कहा कि उनके सभी दस्तावेज सुरक्षित हैं। कंप्यूटर और अन्य सामान की टूट-फूट हुई है, लेकिन नया सामान पहुंचा दिया गया है। घटनास्थल पर यूको बैंक के दो कर्मचारी रात को भी तैनात हैं। मलबे में दबे सामान की सुरक्षा के लिए पुलिस गश्त कर रही है। रविवार को सर्च ऑपरेशन चलाया गया। 

     

छुट्टी के चलते बैंक कर्मी गांव चले गए थे और इसी दौरान बीते शनिवार को चौपाल में चार मंजिला भवन गिर गया था। इसकी चौथी मंजिल पर कृषि सहकारी बैंक और कर्मियों के आवास, तीसरी मंजिल में यूको बैंक की शाखा और एटीएम, दूसरी मंजिल में ढाबा और ग्राउंड फ्लोर में एक बीयर बार था। बीयर बार में बैठे लोगों ने दीवारों और खिड़कियों के चटकने की आवाज सुनी और लोगों को आगाह करके हादसे से पहले ही सुरक्षित बाहर निकाल दिया था। 

उसके दस मिनट बाद भवन भरभराकर गिर गया था। बीयर बार में बैठे लोगों की मुस्तैदी और अवकाश का दिन होने के कारण बड़ा हादसा होने से टला, इसलिए कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। भवन की चौथी मंजिल में रहने वाले सभी बैंक कर्मी शुक्रवार को ही अपने गांव चले गए थे। उधर, चौपाल के एसडीएम चेत सिंह ने बताया कि प्रशासन की तरफ से पीड़ितों को हर संभव सहायता मुहैया करवाई जा रही है। वहीं चौपाल के डीएसपी राज कुमार ने बताया की सुरक्षा मापदण्डों का पालन करते हुए ही मजदूरों को भवन के मलबे से सामान बाहर निकालने दिया जा रहा है ताकि इस दौरान कोई चोटिल ना हो।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक