हौसलों की उड़ान लिए छह पर्वतारोहियों की टीम ‘वाइट एक्सपीडिशन’ ने फिर एक बार फिर  बनाया नया रिकार्ड

Spread the love


मात्र तीन दिनों में फ़तहे की 6300 मीटर ऊँची चोटी।
स्पीति वैली की ऊँची चोटियों मे से एक माउंट चाऊ चाऊ काँग नील्दा पर लहराया तिरंगा।  दिनांक   को  काजा के  अतिरिक्त  उपायुक्त   राहुल जैन ने इन्हें  हरी झडी   दी थी। भारतीय लोकतंत्र  के प्रहरी  बने सभी पर्वतारोहण  की टीम इस मिशन  के साथ आगे बढ़ी ।

इस चोटी की  बेहद कठिन   चढ़ाई  के कारण  अभी  तक मात्र चार बार ही चढ़ा गया  है, परंतु वाइट एक्सपीडेशन टीम ने हार ना मानते हुए पांचवा  सफलता पूर्वक समिट अपने नाम किया. चोटी तक दल को पहुँचने के लिये आइस वाल , क्रवास ओर 70° के क्लाइंब को पार करना पड़ा.
उन्होंने अपना अभियान 18 मई को  कॉमिक से शुरू किया और 20 मई को वापिस कामिक पहुँच कर समाप्त किया.
इस टीम मे दल के लीडर राहुल उर्फ़ रिकी माउंटेनियर , ईशानी   नीकिता ठाकुर, साहिल मलिक,  शुभम् बिष्ट, एरोन शेरपा शामिल थे ।
राहुल ने बताया कि उनकी निडर और अनुभवीं  टीम के कारण ही इस चोटी की जीत हासिल हुई।

उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े से बड़े माउंटेन को चढ़ने के लिए आप के पास  अनुभवी टीम का होना बहुत जरूरी है।
उनकी टीम के सभी मेंबर सर्टिफ़ाइड और एक्सपीरियंस माउंटेनियर है ।
राहुल ने कहा कि उनका और उनकी टीम का मक़सद है भारत में  पर्वतारोहण  को प्रोत्साहित  करना है ताकि विश्व  से पर्वतारोही  भारत में आकर क्लाइंब करें।
उन्होंने कहा कि हमारा  हिमाचल उतराखड़, लद्दाख  पहाड़ो से भरा पड़ा है  हमे और हमारे भारतीय पर्वतारोहियों को मिलकर काम करना चाहिये ताकि  साहसिक  पर्यटन   से हमारे  प्रदेश  को आर्थिक  लाभ हो।
इसके अतिरिक्त  उन्होंने  कहा कि  अभी तक हमारे  यहाँ  पर्वतारोहण  के लिए  इक्युपमैनट नहीं  मिल पाते और रेस्क्यू  के लिए  सरकार   नीति  बनाने  की आवश्यकता  है जिससे  हिमाचल प्रदेश में साहसिक एडवेंचर टुरिज्म   में  प्रगति  की  अपार सम्भावना  है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक