हिमाचल में SIU टीम से 4 लाख फिरौती मांगने पर बाप-बेटा सहित तीन रंगे हाथों काबू

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पत्‍‌नी मांग रही 50 लाख की 'फिरौती'- पत्‍‌नी मांग रही 50 लाख की 'फिरौती'

कुल्लू जिला में पुलिस को ही ब्लैकमेल करने का हैरतअंगेज मामला सामने आया है, मगर खाकी में खाकी ही शातिरों पर भारी पड़ गई। पुलिस ने एसआईयू टीम से 4 लाख रुपए फिरौती मांगने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें पिता-पुत्र भी शामिल हैं। मामले में गिरफ्तार तीनों की पहचान खीम राम, सतीश कुमार व सुशील शर्मा निवासी क्लाथ मनाली के रूप में हुई है। 

    एसपी गुरदेव शर्मा ने बताया कि 29 मई को खीम राम के बेटे सतीश कुमार ने एसआईयू टीम से संपर्क किया और कहा कि वह चिट्टा तस्कर को पकड़वाना चाहता है। इसके बाद 30 मई को युवक एसआईयू का 50 हजार रुपए का मोबाइल फोन लेकर गायब हो गया। 

बाद में पता चला कि वह खुद चिट्टा का आदी था। इसके बाद एसआईयू टीम ने पिता से संपर्क किया और पूरी जानकारी दी। उन्होंने सतीश का पता चलने पर पुलिस को सूचित करने को कहा।

इसके बाद खीम राम, सतीश, सुशील ने टीम के खिलाफ षड्यंत्र रचा। सतीश भूमिगत हो गया, पिता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। इसके बाद पुलिस लगातार सतीश को तलाश करती रही, लेकिन सतीश का कहीं पर पता नहीं चल पाया। इसी दौरान खीम राम व सुशील शर्मा ने एसआईयू से संपर्क साधा और पांच लाख रुपये की डिमांड की। जो बाद में चार लाख रुपये में तय हुई।

एसआईयू ने इसकी शिकायत पुलिस थाने में की और मामला दर्ज कर तीनों को पकड़ने की योजना तैयार की। मनाली के क्लाथ में शुक्रवार को चार लाख का लेनदेन के लिए मिले। इस दौरान दोनों ने उच्च न्यायालय से याचिका वापिस लेने की बात कही। क्लाथ के कपिल मुनि मंदिर के बगीचे में लेनदेन तय हुआ।

कुल्लू पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद्र ने ट्रैप लगाया और खीम राम और सुशील शर्मा को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जबकि सतीश कुमार को थोड़ी दूरी पर छिपाया गया था, जिसको भी पुलिस ने पकड़ लिया है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक