हिमाचल में स्कूल परिसर को हरा भरा बनाएंगे विद्यार्थी, ‘एक पेड़ मेरे स्कूल के नाम’ योजना होगी शुरू

Spread the love

हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अब स्कूल के आंगन को हरा भरा बनाएंगे। वह स्कूल कैंपस के चारों तरफ पौधे लगाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण व पौधे लगाने का संदेश देंगे। पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद के साथ मिलकर शिक्षा विभाग ‘एक पेड़ मेरे स्कूल के नाम’ योजना शुरू करने जा रहा है। स्कूलों में बने ईको क्लब के माध्यम से इस योजना को सिरे चढ़ाया जाएगा।

हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अब स्कूल के आंगन को हरा भरा बनाएंगे।

इसके तहत सरकारी स्कूलों के बच्चें स्कूल परिसर के ईर्द गिर्द पौधे लगाएंगे। हर ईको क्लब को 50 पौधे लगाना अनिवार्य किया गया है। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में स्कूलों को सर्कुलर जारी कर दिया गया है। यह विशेष अभियान 4 अगस्त से शुरू होकर 7 अगस्त तक चलेगा। इसके तहत देवदार, बान, आंवला, बेहड़ा सहित अन्य औषधिय पौधों को लगाया जाएगा।

हिमाचल के हर स्कूल में ईको क्लब का गठन किया गया है। ईको क्लब साल भर पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई तरह की गतिविधियों का आयोजन करता है। विभाग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि वह स्कूल स्तर पर ईको क्लब के सदस्यों की एक टीम बनाए। इन्हें पौधे मुहैया करवाने का काम विभाग का रहेगा। जिला स्तर पर वन विभाग से समन्वय स्थापित कर यह पौधे मुहैया करवाए जाएंगे। बच्चों को पौधे लगाने के साथ पर्यावरण संरक्षण के अलावा पौधों के महत्व के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। ईको क्लब को समग्र शिक्षा अभियान की तरफ से साल भर गतिविधियां चलाने के लिए बजट भी जारी किया जाता है।

इस योजना के तहत चार दिनों के भीतर हिमाचल में करीब एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में ईको क्लब बने हुए हैं। इसके अलावा स्कूलों में एनसीसी, एनएसएस वॉलेंटियर भी एक्टिव रूप से पर्यावरण के प्रति कार्य करते हैं।

उच्‍च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा का कहना है स्कूलों में ईको क्लब के तहत पौधे लगाए जाएंगे। Óएक पेड़ मेरे स्कूल के नामÓ योजना के तहत चार दिनों तक इसके तहत विशेष अभियान चलेगा। इसकी रिपोर्ट जिला उप शिक्षा निदेशक निदेशालय को भेजेंगे। यहां पर पूरी रिपोर्ट को कंपाइल किया जाएगा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक