हिमाचल में राजनीतिक दल तैयार, टिकट के चाहवानों की धुकधुकी बढ़ी

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Losing India! - TFIPOST

हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने शेड्यूल जारी कर दिया है। प्रदेश की एक लोकसभा सीट मंडी व तीन विधानसभा सीटों के लिए भी 30 अक्तूबर को मतदान होगा।  दो नवंबर को वोटों की गिनती होगी। पांच नवंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी होगी। चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस दोनों तैयारी शुरू कर दी हैं। वहीं, टिकट के चाहवानों की धुकधुकी बढ़ गई है।

टिकट झटकने के लिए नेता पहले दिन से ही लॉबिंग में जुटे हैं। इस बार कई मायनों में उपचुनाव रोचक होने वाला है। मंडी लोकसभा सीट में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और वीरभद्र परिवार की प्रतिष्ठा की जंग होगी। सरकार अन्य सीटों पर भी पूरी ताकत झोंकेगी, वहीं कांग्रेस की भी परीक्षा होगी। उपचुनाव को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है। उपचुनाव में जीत-हार का प्रभाव 2022 के विधानसभा चुनाव में देखने का मिल सकता है। चुनाव में कई सियासी समीकरण अहम होंगे।
  
बीते आठ जुलाई को कांग्रेस के दिग्गज नेता और हिमाचल प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद सूबे की सियासी तस्वीर भी बदली है। इस बदले घटनाक्रम के बाद कांग्रेस जहां खासी सक्रिय हो गई है, वहीं भाजपा भी इसका तोड़ तलाश रही है। दरअसल, पहले भाजपा को उम्मीद थी कि वह मंडी लोकसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नाम पर आसानी से चुनावी नैया पार लगा लेगी। चूंकि अभी तक वीरभद्र सिंह का परिवार मंडी सीट पर चुनाव लड़ने में रुचि नहीं ले रहा था।

 दिग्गज कांग्रेस नेता भी चुनाव लड़ने से कतरा रहे थे। लेकिन अब कांग्रेस अपने दिवंगत नेता के नाम पर हर ब्लॉक तक पहुंच बनाने में जुटी है। वीरभद्र सिंह की पत्नी व पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह मंडी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। हालांकि उन्होंने फैसला हाईकमान पर छोड़ा है।  ऐसे में भाजपा के लिए भी इससे पार पाना बड़ी चुनौती होगी। सूत्रों के अनुसार भाजपा के नेता इस नए सियासी हालात से निपटने के लिए तोड़ तलाशने में जुटे हैं। उपचुनाव सूबे की 20 विधानसभा सीटों पर होना है, ऐसे में इस सेमीफाइनल को भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अच्छे अंकों से पास करना चाह रही हैं।
 
भाजपा जुब्बल कोटखाई में नरेंद्र बरागटा की सहानुभूति और सरकारी शक्ति जबकि फतेहपुर में नाराज अपनों की घर वापसी के जरिये विधानसभा उपचुनाव जीतने का मंत्र भी तलाश रही है। वीरभद्र सिंह का गृह क्षेत्र रामपुर और सबसे ज्यादा पकड़ वाला किन्नौर विधानसभा क्षेत्र मंडी लोकसभा सीट में आता है। मंडी जिले से लेकर चंबा के भरमौर, लाहौल-स्पीति और कुल्लू में भी वीरभद्र सिंह का अच्छा प्रभाव रहा है।

 

जुब्बल कोटखाई से वह दो बार विधायक तो रहे ही हैं, साथ ही इस विधानसभा क्षेत्र का कुछ हिस्सा कभी उनकी बुशहर रियासत का तो कुछ परिसीमन के बाद उनकी परंपरागत रोहडू़ सीट से कटकर जुड़ा है। वहीं, फतेहपुर में तो पहले ही वहां के विधायक रहे सुजान सिंह पठानिया के बेटे के पक्ष में सहानुभूति लहर पर कांग्रेस सवार है। अर्की से वीरभद्र वर्तमान में विधायक थे।  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह लोकसभा क्षेत्र मंडी है। ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा सीधे तौर पर दांव पर है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक