हिमाचल में कर्मचारियों की बैलट द्वारा कम वोटिंग सन्देहास्पद ,चुनाव आयोग ले संज्ञान

Spread the love

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में लगभग एक लाख तीस हजार कर्मचारियों ने वोट करना है परन्तु जिन सरकारी कर्मचारियों की मतदान करवाने के लिए ड्यूटी लगी थी उनमें बहुत से कर्मचारियों को आवेदन करने के बावजूद बैलट पेपर प्रप्त नही हुए हैं ऐसी सूचनाएं लगातार प्राप्त हो रही है। ये चिंता का विषय है क्यूंकि पिछले विधानसभा चुनाव में लगभग 18 ऐसी विधानसभा थी जिन में जीत हार का अंतर 2000 से कम मतों में हुआ था ।जिन कर्मचारियों की चुनाव करवाने की ड्यूटी लगी थी उनको वोट डालने के लिये EDC यानी इलेक्शन डयूटी सर्टिफिकेट जारी किया जाता है जिसका फॉर्म नो 12 भरकर आवेदन करना था जिसकी अंतिम तिथि 7 नवम्बर 2022 तय की गई थी परन्तु हैरानी की बात ये है जिन्होंने आवेदन किया उनमें से भी कई कर्मचारियों को आजतक बेलट पेपर नही मिल पाए हैं।

चुनाव रिहर्सल में को कर्मचारियों को गाइड करने की कोई सुविधा उपलब्ध नही करवाई गई थी क्योंकि हर चुनाव में इलेक्ट्रोल बुक बदलती है । फॉर्म 12 में कर्मचारियों के फोन नम्बर भी दर्ज किए गए थे फिर भी ऐसा होना सन्देहास्पद है पोस्ट ऑफिस में बैलट जमा करवाने पर रीसिवइंग नही दी जा रही।  बहुत सारे कर्मचारियों जो कि मुख्यता पुलिस एवं शिक्षा विभाग से है उनकी डयूटी चुनाव से पहले अंतिम समय पर पोलिंग बूथ पर लगाई गई जिससे वे फॉर्म 12 प्राप्त नही कर पाए और और वे वोट देने से वंचित रह गए । कहीं इसके पीछे कोई साज़िश तो नही जिससे सरकारी कर्मचारी वोट न दे सके। चुनाव आयोग को तुरंत इस पर संज्ञान लेना चाहिए एवं इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए जिससे चुनाव आयोग की स्वायत्तता एवं जनता के बीच विश्वास बना रहे।

   

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक