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हिमाचल के सरकारी स्कूल में पहले नाश्ता फिर होती है पढ़ाई

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प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील तो दिया ही जाता है, लेकिन एक ऐसा सरकारी स्कूल भी है जिसमें छुट्टी वाले दिन भी पढ़ाई होती है और बच्चों को नाश्ता भी दिया जाता है। नाश्ते में पूरे हफ्ते का मैन्यू भी तय है। औद्योगिक क्षेत्र बरोटीवाला का प्रदेश में सबसे ज्यादा विद्यार्थियों की संख्या वाले प्राथमिक स्कूल झाड़माजरी में निजी स्कूल की तर्ज पर सुविधाएं मिल रही हैं। यह पहला स्कूल है जहां पर बच्चों को प्रार्थना सभा के बाद नाश्ता दिया जाता है।कंपनी की ओर से जहां पर बच्चों को हर रोज ब्रेकफास्ट की सुविधा दी जा रही है, वहीं तीन अध्यापक और तीन सफाई कर्मचारी भी तैनात किए हैं। कंपनी के इस प्रयास से इस स्कूल की पढ़ाई गुणवत्ता में अन्य स्कूल से अव्वल है। निपुण मेले में इस स्कूल के विद्यार्थी अन्य स्कूलों पर भारी पड़ते नजर आए। प्राथमिक स्कूल झाड़माजरी में 998 बच्चे हैं। पहली कक्षा में 118, दूसरी में 165, तीसरी में 211, चौथी में 226 और पांचवीं कक्षा में 278 बच्चे हैं।

स्थानीय लोगों के मात्र पांच बच्चे हैं, शेष प्रवासियों के हैं। स्कूल में सरकार की ओर से मात्र एक अध्यापक तैनात है। अध्यापकों की कमी को देखते हुए कंपनी ने तीन अध्यापक दिए हैं। इन अध्यापकों को वेतन कंपनी ओर से मिलता है। स्कूल में मिड डे मिल का भोजन दिन के समय तो मिलता ही है लेकिन कंपनी की ओर से विद्यार्थियों को सुबह के समय ब्रेकफास्ट मुहैया कराया जाता है।

सोमवार को केले, मंगलवार को ब्रेड व जैम, बुधवार को परांठे, वीरवार को मिक्स वेज और चपाती, शुक्रवार को पोहा और शनिवार को सेब व अन्य फल बच्चों को नाश्ते के रूप में दिए जाते हैं। स्कूल की मुख्य अध्यापिका नीलम कुमारी ने बताया कि यह पहला स्कूल है जो अवकाश वाले दिन भी चलता है।

इस दिन पढ़ाई में कमजोर बच्चों को पढ़ाया जाता है जिससे वे अन्य बच्चों को बराबर पढ़ाई में चल सकें। कंपनी की ओर से सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। समय-समय पर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच भी होती है। जिन बच्चों के पास शिक्षण सामग्री नहीं होती, उसे भी स्कूल व निजी कंपनियों के सहयोग से मुहैया कराया जाता है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक