सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड को अपनी बेवसाइट्स पर करे अपलोड

राजनीति के अपराधीकरण पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अहम निर्देश जारी करते हुए राजनीतिक दलों से कहा कि वह अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड को अपनी बेवसाइट्स पर अपलोड करे। अगर आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को चुनावी टिकट देती है उसका कारण भी बताएंगी कि आखिर वो किसी बेदाग प्रत्याशी को टिकट क्यों नहीं दे पाई? कोर्ट ने कहा कि इसके बार में चुनाव आयोग को 72 घंटे में जानकारी देनी होगी। कोर्ट ने आदेश में कहा कि पार्टियां उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड को अखबारों, बेवसाइट्स और सोशल साइट्स पर प्रकाशित करे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस आदेश का पालन न करने पर अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है। बता दे भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि कोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वह राजनीतिक दलों पर दबाव डाले कि पार्टियां आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को टिकट न दें और ऐसा होने पर आयोग राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करे। जस्टिस आर एफ नरीमन और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने इसे राष्ट्रहित का मामला बताते 31 जनवरी को याचिकाकर्ताओं और चुनाव आयोग की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।


