सुनो जयराम जी पार्षद खुश हुआ ………………..

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नगर निगम के सभी पार्षद हॉउस में अचानक हुए खुश…….. 

आज के बजट से किसी के चेहरे पर खुशी नजर आए या न आए पर इस समय नगर निगम के सभी सदस्य खुश नजर जरूर आ रहे होंगे। कारण भी साफ है सरकार ने उनके मन की मुराद जो पूरी कर दी है। बिन मांगे ही जयराम ठाकुर ने उन्हे वो दे दिया जिसके लिए हिमाचल सरकार के हजारों कर्मचारी सड़कों पर हैं। न तो उन्हे पानी की तेज बौछारों का सामना करना पड़ा और न ही पुलिस डंडों का और तो और शिमला तक कुछ करने से भी बच गए। “बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले ना भीख” वाली बात तो बिलकुल यहां पर सटीक बैठती है क्योकि बिना मेहनत के ही ही सब कुछ मिल गया और वृद्धि भी थोड़ी बहुत नहीं उनकी उम्मीद से बहुत ज्यादा। जहां जब तक नगर परिषद थी पार्षदों को मात्र 1000 रूपय ही मिलता था वहीं निगम बनने का फायदा किसी को हो न हो पर पार्षदों को जरूर हो गया है।

आज जब लोगों की समस्या का निजात दिलाने वाले पार्षद शहर की बेहतरी के लिए पॉलिसी बना रहे थे कि अचानक सरकार के बजट का मैसेज उनके मोबाईल पर आ गया कि बजट में सभी के मानदेय बढ़ा दिया गया है। जिसे सबसे पहले ये मैसेज आया उससे रुका नहीं गया और उसने पल भर मेन ही सबके पल भर में ही सभी पार्षदों के मोबाईल तक पहुंचा दिया। जिसने मैसेज पढ़ लिया वो तो खुशी के मारे अपनी मुस्कान नहीं रोक पा रहा था और जिसने नहीं पड़ा था उसे साथी पार्षद कोहनी मारकर या तो अपने मोबाईल से मैसेज पड़ा रहे थे या फिर उसे उसको बता रहे थे कि देखों कुछ संदेश आया है आपके नाम। फिर क्या था सभी इस बात को भूल गए कि वो लोगों की बेहतरी के लिए आज यहां आए है सब बस इस बात से खुश थे कि उनका काम बनता चाहे भाड़ में जाए जनता। यही नहीं उनकी खुशी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बहुत से पार्षद तो हाउस छोड़कर भी बाहर घूमते नजर आए।

कुछ भी बोलो भैया आज तो कांग्रेस के सभी पार्षद भी जयराम के इस फैंसले की तारीफ ही करते नजर आ रहे है। अब तो ऐसा लगता है अगर जयराम जी कांग्रेसी नेताओं की इसी तरह उनके मानदेय में बढ़ौतरी करते रहे तो सत्ता में वापसी से कोई नहीं रोक सकता।

पूनम ग्रोवर को 15000,राजीव कौड़ा को 10000,पार्षदों को मिलेगा 6000

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक