सुख-आश्रय विधेयक, 2023 से होगा अनाथ, निराश्रितों का भविष्य सुरक्षित व उज्ज्वल

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही राज्य में लम्बे समय से उपेक्षित मुद्दे को हल करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश सुख-आश्रय (बच्चों की देखभाल, संरक्षण और आत्मनिर्भरता) विधेयक, 2023 को विधानसभा में पारित करके कानूनी रूप में अनाथ बच्चों का भविष्य सुनिश्चित किया है। इस विधेयक से अनाथ और निराश्रित बच्चों को जहां बेहतर सुविधाएं मिल पाएंगी, वहीं उन्हें अपने भविष्य की नींव को मजबूत करने में सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुख-आश्रय (बच्चों की देखभाल, संरक्षण और आत्मनिर्भरता) विधेयक, 2023 के लागू होने से राज्य के 6000 निराश्रित बच्चों, जिन्हें अब ‘चिल्ड्रन ऑफ स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है, के लिए प्रदेश सरकार ही माता और पिता हैं। राज्य सरकार इन बच्चों को अभिभावक के रूप में पालने-पोसने, समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हरसम्भव प्रयास करेगी।
इस विधेयक का उद्देश्य अनाथ, निराश्रित और दिव्यांग बच्चों को उचित देखभाल, सुरक्षा, विकास और आत्मनिर्भरता प्रदान करना है। इसमें चाइल्ड केयर और आफ्टर केयर संस्थानों में रहने वाले बच्चों को वस्त्र और उत्सव अनुदान प्रदान करने का प्रावधान भी किया गया है। साथ ही बच्चों को राज्य के भीतर और अन्य राज्यों में वार्षिक शैक्षणिक भ्रमण का अवसर भी प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक बच्चे के लिए आवर्ती जमा खाते खोले जाएंगे, जिनमें राज्य सरकार योगदान देगी।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार इन बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग प्रदान करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग की अवधि के दौरान भी उनके व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए स्टाइपेंड प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस बिल में जो बच्चे 18 वर्ष की आयु के बाद अपना स्टार्ट-अप स्थापित करना चाहते हैं, उनको प्रदेश सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करने के अलावा भूमिहीन अनाथों और निराश्रितों को तीन बिस्वा भूमि आवंटन व आवास अनुदान का भी प्रावधान है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक