सीएम सुखुविंदर सिंह सुक्खू ने कुछ यूं तय किया क्लास रिप्रजंटेटिव से सीएम तक का सफर….

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एनएसयूआई के साथ छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत करने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू ने क्लास रिप्रेजेंटेटिव से लेकर चीफ मिनिस्टर तक का सफर तय किया है. हिमाचल प्रदेश की सत्ता के शीर्ष पर पहुंचते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) प्रदेश के साथ देश भर के लोगों के लिए चर्चा का विषय बने रहे. लोग मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से जुड़ी छोटी से छोटी बात को खोज कर जानने की चाह रख रहे थे. चुनाव के बाद मुख्यमंत्री अब भी लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. एचआरटीसी ड्राइवर के बेटे के हाथ में अब हिमाचल प्रदेश की सत्ता का स्टीयरिंग है. सुखविंदर सिंह सुक्खू एक आम परिवार से निकलकर सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कसुम्पटी स्कूल में सभी को बेहद गौरव के साथ वह रजिस्टर बार-बार खोल कर दिखाया जाता है, जहां 4057 रोल नंबर के आगे सुखविंदर सिंह का नाम लिखा गया है. उन्होंने 7 जून 1969 को पहली क्लास में एडमिशन लिया था.

हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मां संसार देई बताती हैं कि सुक्खू ने जब छात्र राजनीति में कदम रखा तो वे इसे लेकर सहज नहीं थीं. वह चाहती थीं कि सुखविंदर सिंह सुक्खू कोई छोटी-मोटी सरकारी नौकरी कर लें, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो जाए. हर मां की तरह सुक्खू की मां संसार देई की चिंता भी अपने बेटे के लिए स्वभाविक थी, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह ठान लिया था कि वे राजनीति में ही अपना भविष्य बनाएंगे. छात्र राजनीति के बाद पहले पार्षद फिर विधायक और अब सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर पहुंच गए हैं.

एचआरटीसी में ड्राइवर रहते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू के पिता रशिल सिंह को मात्र 90 रुपये की तनख्वाह मिलती थी, जिसमें छह लोगों का गुजारा करना होता था. आज हिमाचल प्रदेश की सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का जीवन संघर्षों से भरा रहा था. सीएम के परिवार से कभी कोई राजनीति में नहीं रहा है. एनएसयूआई के साथ छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत करने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू ने क्लास रिप्रेजेंटेटिव से लेकर चीफ मिनिस्टर तक का सफर तय किया है. वह एनएसयूआई के अध्यक्ष और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से होते हुए हिमाचल कांग्रेस के भी अध्यक्ष रहे थे. छात्र जीवन के बाद उन्होंने पार्षद के तौर पर अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत की.

सुखविंदर सिंह सुक्खू साल 2003 में जिला हमीरपुर के नादौन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े. इसके बाद अब तक वे चार बार इस सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा की दहलीज पर पहुंच चुके हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी. उस समय ही यह लगभग तय हो गया था कि सुखविंदर सिंह सुक्खू को ही हिमाचल कांग्रेस विधायक दल की कमान मिलने वाली है. एक आम एचआरटीसी ड्राइवर के बेटे सुखविंदर सिंह सुक्खू जनता के प्यार, समर्थकों के जोश, विधायकों के सहयोग और आलाकमान के आशीर्वाद से हिमाचल प्रदेश की राजनीति के शीर्ष पर हैं.

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक