सतत विकास लक्ष्य रैंकिंग में हिमाचल देश में दूसरे नंबर पर

Spread the love

सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) इंडिया इंडेक्स 2020-21 में हिमाचल प्रदेश देश भर में दूसरे नंबर आ गया है, जबकि केरल एक बार फिर शीर्ष स्थान पर काबिज है। केरल को 75 और हिमाचल को 74 अंक मिले हैं, जबकि सबसे फिसड्डी रहे फिसड्डी को 52 अंक हासिल हुए हैं। केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने गुरुवार को राज्यों की रैंकिंग जारी की। हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ तमिलनाडु भी दूसरे स्थान पर रहा है।

नीति आयोग

इसके तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पैरामीटर्स पर प्रगति का आकलन किया जाता है।  इस साल बिहार, झारखंड और असम सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों राज्यों में शामिल हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने वीरवार को एसडीजी इंडेक्स का तीसरा एसडीजी इंडेक्स जारी किया। केंद्रशासित प्रदेशों में 79 अंकों के साथ चंडीगढ़ पहले नंबर, जबकि 68 अंकों के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर रहा।

वर्ष 2020-21 में सबसे ज्यादा फायदा मिजोरम, हरियाणा और उत्तराखंड को हुआ। इन तीनों राज्यों के अंकों में 2019 की तुलना में क्रमश: 12, 10 और 8 अंकों की बढ़ोतरी हुई। उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, मिजोरम, पंजाब, हरियाणा, त्रिपुरा, दिल्ली, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख ने 65 से अधिक अंक हासिल किए। देश के ओवरऑल एसडीजी इंडेक्स 2020-21 में छह अंकों का सुधार हुआ है। 2019 में यह 60 था और अब बढ़कर 66 हो गया।

हिमाचल में सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अच्छा काम हुआ
हिमाचल प्रदेश ने लोगों को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा मुहैया करवाई है। इसके अलावा प्रदेश में बेहतर काम और आर्थिक विकास हुआ है, जिसके आधार पर राज्य देश भर में दूसरे नंबर पर रहा। 
बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्य-केंद्रशासित प्रदेश 
केरल – 75
हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु – 74
आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड – 72
सिक्किम – 71
महाराष्ट्र – 70

खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य-केंद्रशासित प्रदेश
छत्तीसगढ़, नगालैंड, ओडिशा – 61
अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान, उत्तर प्रदेश – 60 
असम – 57 
झारखंड – 56
बिहार -52 

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक