शूलिनी विश्वविद्यालय ने स्कूली छात्रों के लिए अपना पुस्तकालय खोला…….

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योगानंद ज्ञान केंद्र ने आस पास के स्कूली बच्चों को योगानंद पुस्तकालय में उपलब्ध सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनमें किताबें पढ़ने की आदत विकसित करने की अनूठी पहल की है। योगानंद पुस्तकालय के स्टाफ सदस्य सुल्तानपुर और ओचघाट के सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों को पुस्तकालय की सुविधाओं के बारे में जानकारी देने गए। कार्यक्रम में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुल्तानपुर की प्रधानाचार्या सुश्री सीता रोहला, शिक्षक एवं कक्षा 8वीं से 12वीं तक के लगभग 300 विद्यार्थियों ने भाग लिया। स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों ने इस पहल की सराहना की और टीम के साथ काम करने को तैयार थे। उन्होंने स्कूल में मौजूद छात्रों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित किया।

   

सहायक प्रोफेसर  हर्षा ठाकुर और  राकेश ठाकुर ने योगानंद ज्ञान पर बातचीत की और योगानंद पुस्तकालय में उपलब्ध कई सुविधाओं के साथ-साथ पुस्तकालय के आजीवन सदस्यता कार्यक्रम पर चर्चा की। इसमें प्रतियोगी परीक्षा की पुस्तकों, बच्चों की पुस्तकों पर नवीनतम पुस्तकें, और कथा साहित्य, सामान्य विषयों, अंग्रेजी, हिंदी और धर्मशास्त्र पर पुस्तकों का एक बड़ा संग्रह शामिल था। टीम ने मित्रवत पुस्तकालयाध्यक्षों, नाश्ते और चाय के लिए वेंडिंग मशीन आदि के बारे में भी साझा किया। उन्हें पुस्तकालय की मुफ्त वाईफाई सेवा और पुस्तकालय के सदस्यों द्वारा उपयोग के लिए किंडल और लैपटॉप की उपलब्धता के बारे में भी बताया गया।

   

बच्चों को बताया गया कि वे मुफ्त में पुस्तकालय का उपयोग कर सकते हैं और पुस्तकालय की पुस्तकों को पढ़ने के लिए वे अस्थायी या स्थायी सदस्य बन सकते हैं। विश्वविद्यालय आने को लेकर छात्र-छात्राओं में खासा उत्साह देखा गया। स्कूल प्रशासकों को निर्देश दिया गया कि जब भी संभव हो बच्चों को शूलिनी विश्वविद्यालय भेजें। विश्वविद्यालय परिवहन के लिए बसें भेज सकता है। द्वितीय भ्रमण में पुस्तकालयाध्यक्ष नीलम एवं  राकेश ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ओच्छघाट का भ्रमण कर 11वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को योगानन्द पुस्तकालय पर प्रस्तुतीकरण दिया ।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक