शूलिनी विवि में मनाया गया विश्व फार्मासिस्ट दिवस

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शूलिनी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज ने विश्व फार्मासिस्ट दिवस को चिह्नित करने के लिए कई कार्यक्रम और व्याख्यान आयोजित किए। प्रो. दीपक कपूर, डीन, फार्मास्युटिकल साइंसेज, ने मुख्य अतिथि प्रो. प्रमिल तिवारी, प्रोफेसर और प्रमुख, फार्मेसी प्रैक्टिस विभाग, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (एनआईपीईआर), मोहाली, अतिथि प्रो. वी.के. कपूर, सीनियर प्रोफेसर, स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज और प्रो. पीके खोसला, चांसलर, शूलिनी यूनिवर्सिटी, और सभी  प्रतिभागियों का स्वागत किया ।

    

 फार्मासिस्टों की भूमिका पर जोर देते हुए, प्रोफेसर खोसला ने कहा कि वे स्वास्थ्य सेवा कर्मचारी  वर्तमान परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है ।  उन्होंने  आगे कहा की छात्रों को मानव कल्याण के लिए अनुसंधान पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रो. कपूर का व्याख्यान “फार्मेसी के इतिहास में प्रतिष्ठित लोग” विषय पर केंद्रित था और इसकी अत्यधिक सराहना की गई थी। उन्होंने प्राचीन विश्वविद्यालयों, अणुओं की खोज और रासायनिक संरचनाओं के बारे में बात की।

    

प्रो. तिवारी ने रोगी सुरक्षा और फार्मेसी अभ्यास पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट परामर्श, दवा की जानकारी और दवा के तर्कसंगत उपयोग के लिए प्रेरणा के माध्यम से रोगियों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं को सशक्त बनाकर वैश्विक स्वास्थ्य को बदल रहे हैं। यह दिन “एक स्वस्थ दुनिया के लिए कार्रवाई में एकजुट फार्मेसी” पर केंद्रित था। इस वर्ष के समारोह का विषय था कि दुनिया भर के फार्मासिस्ट वैश्विक स्वास्थ्य में एकजुट हैं और दवाओं के अनुसंधान और विकास में एक महान भूमिका निभाते हैं। फार्मासिस्टों के प्रयासों की बदौलत ही वे एक स्वस्थ दुनिया के लिए सुरक्षित और सस्ती दवाएं देते हैं।

    

भाषण, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। शारून ने भाषण के लिए प्रथम पुरस्कार, 7वें सेमेस्टर के अंशुमन ने डिक्लेमेशन में द्वितीय पुरस्कार और 5वें सेमेस्टर के मिन्टर ने तीसरा पुरस्कार जीता। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में आशिमा व अमर चौधरी ने प्रथम, रितिका व दिवाक्षी ने द्वितीय, अमन व मुस्कान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज के डीन प्रो. दीपक कपूर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। उन्होंने सभी विजेताओं को बधाई दी और उनके प्रयासों की सराहना की।

   

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक