उन्होंने शिमला के एक निजी बैंक में वर्ष 1998 में एक लॉकर नंबर 77 लिया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि वर्ष 2017 में उसे बैंक अधिकारियों ने बताया था कि इसके बैंक लॉकर का नंबर 77 से बदलकर 177 कर दिया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि वर्ष 2017 के बाद से वह 177 नंबर से ही अपने बैंक लॉकर का संचालन कर रहा था, जबकि वर्ष 2019 के बाद शिकायतकर्ता ने अपने बैंक लॉकर का संचालन नहीं किया। जब बीते 30 जुलाई, 2022 को अपने लॉकर को चैक करने के लिए वह बैंक गया तो उसके बैंक लॉकर की चाबी न लगी, जब उसने बैंक में अधिकारियों से इस बारे में पूछा तो उसे बताया गया कि लॉकर नंबर 177 बैंक के कम्प्यूटर सिस्टम में गुरप्रीत सिंह विर्क के नाम से चढ़ा है। शिकायतकर्ता आशुतोष सूद का आरोप है कि उक्त लॉकर में उनका सामान रखा था।

आशुतोष सूद ने अपने उक्त लॉकर में करीब 50 लाख के गहने रखे थे। शिकायतकर्ता का आरोप है कि बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा आशुतोष सूद के बैंक लॉकर में रखे गहनों के लिफाफे को बैंक लॉकर तोडक़र किसी दूसरे व्यक्ति गुरप्रीत सिंह को दे दिया। उधर, एसपी शिमला मोनिका भटुंगरू का कहना है कि पुलिस ने शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर 409, 420, 120 बी के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। एसपी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच को लेकर बैंक के अधिकारियों से भी पूछताछ कर रही है।