शिमला में सड़कों की बहाली का काम युद्धस्तर पर जारी, 210 जेसीबी मशीनें तैनात

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शिमला में गुरुवार और शुक्रवार को हुई भारी बर्फबारी से बंद हुई सड़कों को खोलने का काम युद्धस्तर पर जारी है। शनिवार सुबह मौसम साफ होते ही प्रशासन जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही सुचारू करने में जुट गया। सड़कों और अन्य अहम रास्तों को आधुनिक मशीनरी और लेबर की मदद से खोला जा रहा है। कई अहम सड़कें और संपर्क मार्ग ट्रैफिक के लिए खुल चुके हैं।

शिमला शहर के विभिन्न इलाकों में नगर निगम और लोक निर्माण विभाग ने मोर्चा संभाला हुआ है। शिमला शहर में नगर निगम की सात जेसीबी और दो रोबॉट मशीनों की मदद से बर्फ को हटाया जा रहा है। साथ ही लोक निर्माण विभाग ने चार जेसीबी और दो रोबॉट मशीनों को इस काम में लगाया हुआ है।

अब तक लगभग सभी प्रमुख सड़क मार्गों पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। हालांकि, छुट्टी घोषित होने के कारण ट्रैफिक कम है और लोग जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकल रहे हैं। इसी तरह शिमला ग्रामीण में लोक निर्माण विभाग की 11 जेसीबी बर्फ हटाने मे जुटी हुई हैं। इसके इतर एनएच डिवीजन के दो डोज़र्स और एक रोबॉट मशीन से भी बर्फ हटाई जा रही है।

पूरे जिले में अभियान जारी
राजधानी से इतर पूरे शिमला जिले में सड़कों से बर्फ हटाने के लिए कुल 210 जेसीबी मशीनें काम में लगी हुई हैं। उपमंडल ठियोग में लोक निर्माण विभाग की पांच जेसीबी, दो रोबॉट मशीनों और एक डोजर की मदद ली जा रही है। इसके अलावा एनएच डिवीजन के तीन डोजर और दो जेसीबी मशीनें भी बर्फ हटा रही हैं।

उपमंडल कोटखाई और उपमंडल रोहड़ू में लोक निर्माण विभाग की कुल आठ जेसीबी मशीनें और एक डोजर बर्फ हटाने का कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा एनएच डिवीजन की एक जेसीबी, एक डोजर और एक रोबॉट मशीन इस काम में जुटी हुई है।

उपमंडल रामपुर में अहम सड़कों से लोक निर्माण विभाग की सात जेसीबी और दो डोजर की मदद से बर्फ को हटाया जा रहा है। इसी तरह उपमंडल चौपाल में लोक निर्माण विभाग की 24 जेसीबी मशीनें सड़कों को बहाल करने में जुटी हैं। कुमारसैन उपमंडल में भी लोक निर्माण विभाग की चार और एक प्राइवेट जेसीबी की मदद से बर्फ को हटाया जा रहा है। इसके अलावा एनएच डिवीजन ने भी दो जेसीबी और दो डोजर को लगाया हुआ है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक