शिमला में भारी बारिश के चलते भूस्खलन, चकनाचूर हुई गाड़ी
हिमाचल प्रदेश में मानसून आने से पूर्व ही भारी बारिश का असर अब भूस्खलन की घटनाओं के रूप में सामने आने लगा है। राजधानी शिमला में शुक्रवार सुबह तड़के से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। बारिश के चलते शिमला के उपनगर टूटू के नजदीक जतोग कैंट क्षेत्र में भूस्खलन की घटना घटी, जिससे कुछ समय के लिए जतोग कैंट से हथनी की धार को जोड़ने वाली सड़क अवरुद्ध हो गई।
भूस्खलन के चलते सड़क किनारे खड़ा एक वाहन मलबे की चपेट में आ गया और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, जिससे राहत की सांस ली गई। प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए सड़क पर गिरे मलबे को हटाया गया और अब यातायात सामान्य रूप से बहाल कर दिया गया है।
मौसम विभाग ने पहले ही राज्य में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी और आने वाले एक सप्ताह तक लगातार बारिश का अनुमान जताया है। विभाग ने 26 जून तक के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है, जिसमें विशेष रूप से 22, 23, 25 और 26 जून को भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। ऐसे में पर्वतीय इलाकों में रहने वाले लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है, क्योंकि बारिश से जमीन की परतें कमजोर हो जाती हैं और इससे भूस्खलन की घटनाएं अचानक हो सकती हैं।
बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई क्षेत्रों में अच्छी बारिश दर्ज की गई, जिसमें सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में सर्वाधिक 84 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा शिमला में 15 मिमी, पंडोह में 35, सराहन में 20, जोगिंद्रनगर और पांवटा साहिब में 19 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत जरूर मिली है, लेकिन इसके साथ ही भूस्खलन और जलभराव जैसी समस्याओं ने नई चिंता भी खड़ी कर दी है। मौसम विभाग के अनुसार मॉनसून जल्द प्रदेश में दस्तक देगा। इससे बारिश का दौर और तेज़ होगा।