कोरोना के चलते पिछले डेढ साल से इस काम में देरी हो रही है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार रिज पर 70 मीटर लंबा डंगा लगाया जाएगा। इसकी चौड़ाई 10 मीटर होगी। इससे रिज की चौड़ाई करीब 33 फीट बढ़ जाएगी। यह डंगा पदमदेव परिसर से लेकर टाउनहाल तक लगाया जाएगा। डंगे की ऊंचाई इतनी ज्यादा होगी कि इसमें तीन मंजिलें बन जाएंगी। शिमला में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के कोर ग्रीन एरिया निर्माण पर प्रतिबंध के चलते भवन नहीं बनाया जा सकता, इसलिए इस पूरे स्ट्रक्चर को खाली रखा जाएगा। भविष्य में यदि रोक हटती है तो इसमें तीन मंजिला व्यावसायिक भवन का निर्माण हो सकता है। 2011 से लगातार धंस रहा रिज वर्ष 2008 में रिज का एक हिस्सा धंसा था। वर्ष 2011 से रिज मैदान का एक हिस्सा लगातार धंसता जा रहा है। औपचारिकता के नाम पर पैचवर्क ही किया जाता है। पिछले साल टाउनहाल के सामने वाला हिस्सा पूरी तरह बैठ गया था।

आईआईटी रुड़की ने डंगा लगाने के साथ पानी की निकासी के लिए बेहतर इंतजाम करने का सुझाव दिया है। इसमें तर्क दिया गया है कि इसके बगैर किसी भी तरह से मजबूती देना मुश्किल हो जाएगा। आईआईटी की विशेषज्ञ टीम मार्च में शिमला के दौरे पर आई थी। टीम ने धंसते रिज मैदान की मिट्टी व रॉक स्ट्राटा की जांच की थी।