शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज बोले- पारदर्शिता से हो रहा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का काम, गड़बड़ी हुई तो कार्रवाई करेंगे
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की पांचवीं बैठक बुधवार सुबह दस बजे शुरू हुई। माकपा विधायक राकेश सिंघा ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर, एनएचएम कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिए जाने का मामला उठाया। सिंघा ने कहा कि कंपनियां आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण कर रही हैं। हिमाचल में बेरोजगार चरम पर है। सिंघा ने कहा कि पे कमीशन को लेकर राइडर लगाना गलत है। मुख्यमंत्री, मंत्री अपने पर राइडर लागू करके देखें। अध्यक्ष महोदय सरकार को सद्बुद्धि दीजिए। राज्यपाल अभिभाषण पर सीएम जयराम ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा कि 41 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया।
राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर विपक्ष में कुछ सुधार आया है। विपक्ष बच्चों की तरह जिद करते हैं, खिलौना नहीं दिया तो जमीन पर लेट जाते हैं, विपक्ष का भी यही हाल है, कोई भी काम बस अभी करो। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता में आना-जाना रहता है। कभी आप कभी हम। सीएम ने तंज किया- राकेश सिंघा अकेले हैं, इसलिए जोर-जोर से बोलते हैं।
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कांगेस सरकार के समय में अस्पतालों में 52 वेंटिलेटर थे, अब 1014 हैं। तीन हजार ऑक्सीजन सिलिंडर थे, अब 17 हजार हैं। अवैध शराब कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई की। अवैध शराब मामले में 4 एक्साइज इंस्पेक्टर सस्पेंड किए हैं। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि ऊना पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी रोहित पुरी को मुंबई में आज गिरफ्तार किया गया है।
यूक्रेन के खारकीव से विद्यार्थियों को निकालने में हो रही मुश्किल
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से खारकीव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस क्षेत्र में हिमाचल के भी विद्यार्थी फंसे हैं। इन्हें निकालने में कठिनाइयां आ रही हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में हिमाचल का कोई भी विद्यार्थी नहीं है। सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह जानकारी राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान दी।
उन्होंने कहा कि अब तक 108 लोगों को सुरक्षित हिमाचल पहुंचाया गया है। विद्यार्थियों और उनके परिजनों से भी बात हुई है। सभी विद्यार्थी सुरक्षित अपने घर पहुंच रहे हैं। हिमाचल सरकार इस मामले पर लगातार केंद्र सरकार के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। मुख्यसचिव स्वयं इस मामले में लगातार अधिकारियों से बात कर रहे हैं। हिमाचल में प्रतिदिन पांच से 10 लोग अपने घर पहुंच रहे हैं। सरकार की पूरी कोशिश है कि यूक्रेन से सभी छात्र सुरक्षित होकर हिमाचल आएंगे।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में हो रहे घोटाले
कांग्रेस विधायकों ने बुधवार को भोजन अवकाश के बाद सदन में शिमला स्मार्ट सिटी में अनियमितताओं का मामला उठाया। विधायक जगत सिंह नेगी ने नियम 130 में यह प्रस्ताव पेश करने से पहले आपत्ति दर्ज कर कांग्रेस विधायकों की ओर से शिमला स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में हो रहे घोटालों पर चर्चा मांगी थी। इसे विकासात्मक कार्यों की चर्चा कर दिया गया। जगत सिंह नेगी ने कहा- प्रस्ताव को बदला गया।
हम गरीबी रेखा की बात कर रहे हैं तो आप रेखा की गरीबी की बात कर रहे हैं। स्पीकर विपिन सिंह परमार ने कहा कि काम में कुछ कमियां है तो चर्चा के दौरान बातें आएंगी। इस पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने भी स्पीकर को संबोधित कर कहा कि प्रस्ताव की मूल भावना बदलने वाला कौन है। ये किसने बदला आप जिम्मेवारी तय करेंगे। हमें आपका संरक्षण चाहिए। हम आप पर विश्वास करते हैं।
स्पीकर ने कहा कि सकारात्मक में भी आपकी कुछ बातें हो सकती हैं। आपका विश्वास बना रहेगा। इसके बाद विक्रमादित्य सिंह ने इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया। विक्रमादित्य सिंह बोले कि शिमला स्मार्ट सिटी हिमाचल की राजधानी है। पहली बात तो वरिष्ठ विधायक जगत सिंह नेगी ने कही। दो-तीन शब्द के पीछे छपने का मंत्री विचार कर रहे हैं।
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले धर्मशाला और फिर शिमला को स्मार्ट सिटी में शामिल किया। यह स्वागत योग्य कदम था। आज 2500 करोड़ का शिमला के लिए जो प्रोजेक्ट अप्रूव करवाया गया है। इसमें नियमानुसार काम नहीं हो रहा है। विक्रमादित्य बोले कि नगर निगम शिमला से अभी तक अपना दफ्तर नहीं बन पाया। बहुत से काम ज़मीन स्तर पर नहीं हो रहे हैं।
20 लाख का डंगा 40 लाख में लग रहा, ठेकेदारों के मजे : जगत सिंह नेगी
शिमला स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हो रहे विकास कार्यों पर नियम 130 के तहत बुधवार को सदन में लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए किन्नौर के कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने सरकार पर जोरदार जुबानी हमला करते हुए कहा कि 20 लाख रुपये का डंगा 40 लाख रुपये में लग रहा है। ठेकेदारों के मजे लगे हुए हैं। एक करोड़ का कम्युनिटी हाल डेढ़ करोड़ में बन रहा है। रिज का एक डंगे लगाने में छह महीने लग गए। सरकार शायद यूक्रेन से इंजीनियर लेकर आएगी। विधानसभा की प्राक्कलन समिति पूरा शिमला घूमकर आई, कोई स्मार्ट चीज नहीं मिली। रोपवे के लिए डबल इंजन की सरकार को एक मंजूरी लेने में पांच साल लग गए। इधर का पत्थर उठाकर यहां लगा रहे हैं।
मेरे जैसा विधायक संपर्क करेगा तो काम हो जाएगा, आम आदमी का नहीं : लखनपाल
कांग्रेस विधायक इंद्रदत्त लखनपाल कहा कि – मेरे जैसा विधायक या मुख्यमंत्री संपर्क करेगा तो नक्शे पास हो जाएंगे। अगर कोई आम आदमी चाहेगा तो ऐसा कुछ नहीं होगा। शिमला के बाशिंदों ने भारी-भरकम लोन लेकर भवन बनाए। इस बारे में नहीं सोचा जाता।
राकेश सिंघा बोले – ये बेचने का काम बंद करें, ये जनता का शहर है
चर्चा में माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी हिस्सा लिया। शिमला स्मार्ट सिटी बनाने का फैसला हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले के तहत हुआ। इस बारे में एक याचिका दायर की गई। इस पर मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह उनके प्रयासों से हुआ है। इस पर राकेश सिंघा बोले कि रिकॉर्ड को ठीक से रखा जाए। सिंघा बोले कि टाउन हॉल को निजी कंपनी को बेचने की योजना है।
अब लाइब्रेरी हाल का भी ऐसा किया जा रहा है। क्या-क्या बेचोगे। टाउन हाल को जब निजी कंपनी को बेच देंगे तो उसकी वैल्यू नहीं रहेगी। ये जनता का शहर है, क्या-क्या बेच दोगे। टाउन हॉल और लाइब्रेरी हाल नहीं, पानी तक बेचा जा रहा है। लाखों के बिल आ रहे हैं। अगर शिमला को स्मार्ट बनाना तो इसके लिए सही काम करना होगा। यह शहर केवल कुछ लोगों का नहीं। कश्मीर, सिरमौर या जहां से भी कोई आएगा। ये उसी का शहर है।
विधायक बलवीर पर किया विपक्ष ने तंज, इनके नक्शे फंसे हैं
चौपाल के विधायक बलवीर सिंह वर्मा ने जब कहा कि शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज की अगुवाई में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर बेहतरीन कार्य हो रहे हैं। उन्होंने इसके लिए विपक्ष के विधायकों को इस संबंध में धन्यवाद करने को कहा तो इस पर कांग्रेस के विधायकों ने तंज किया कि इनके नक्शे पास करने के लिए फंसे हुए हैं।
बलवीर वर्मा ने पलटवार किया कि कांग्रेस का इतना लंबा कार्यकाल रहा। एक ही सुरंग बनाई। ये कम से कम इसमें एक गैंती तो लगा देते। ऐसे लगता है कि इनकी कभी सरकार ही नहीं आई। शिमला की सड़कें सुरेश भारद्वाज के आशीर्वाद से ही चौड़ी होनी थीं। आने वाले वक्त में यातायात जाम से राहत मिलेगी।
शिमला में जितनी भी रिटेनिंग वाल लगी, 1000 गुना पैसा लगा
नादौन के कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला में इस प्रोजेक्ट के तहत जितनी भी रिटेनिंग वाल लगी, उसमें 1000 गुना पैसा लगा। उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। शिमला तो पहले से ही स्मार्ट था। पहले 90:10 के केंद्र और हिमाचल सरकार के फंड से निर्माण होना था, अब ये 50:50 की हिस्सेदारी हो गई है।
कहीं गड़बड़ी हुई तो जांच भी होगी और कार्रवाई भी : भारद्वाज
सदन में नियम 130 के तहत लाए प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मार्च के बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का काम दिखना शुरू होगा। सारे टेंडर ऑनलाइन लगाए गए हैं, कोई भी काम नियम तोड़कर नहीं हुआ है। पारदर्शिता से काम हुआ है। कोई गड़बड़ी पाई गई तो जांच भी होगी और कार्रवाई भी। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में जवाहर लाल नेहरू शहरी विकास मिशन में ठीक से काम नहीं हुआ, उस वक्त नगर निगम शिमला पर राकेश सिंघा का कब्जा था। इस मिशन में लापरवाही न होती तो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की भी ज़रूरत नहीं होती।
विपक्ष के विधायकों की ओर से रिटेनिंग वॉल पर खर्च के मामले पर कहा कि सड़कों को चौड़ा करने के लिए यह जरूरी है। धर्मशाला और शिमला स्मार्ट सिटी के एक कमांड सेंटर के मामले पर भारद्वाज बोले कि इस सुझाव पर गौर करने को कहा जाएगा। वैसे सचिवालय में शिमला स्मार्ट सिटी का कमांड सेंटर होगा, धर्मशाला में अलग से भवन बनाया जा रहा है। ज्यादातर परिसंपत्तियां बाद में नगर निगम के नियंत्रण में आ जाएंगी। मेरा तो छोटा सा फ्लैट है, आपके बड़े भवन है। यह शहर आपका भी है।
भारद्वाज ने कहा कि शिमला और कुल्लू के लिए अम्रुत योजना आई, जिसमें काफी काम हुए। आज भी जो काम हो रहे हैं, वे स्मार्ट सिटी ही नहीं, अम्रुत मिशन के भी हैं। लेकिन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेने का अभियान नहीं छोड़ा। तीसरे राउंड में शिमला को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मिला।
इसमें बहुत से कार्यों को शामिल किया गया। परामर्शक को जहां तक पैसा देने की बात है तो इस प्रोजेक्ट में कोई परामर्शक नहीं है। सारे काम सरकार के विभिन्न विभागों को सौंपे गए हैं। किसी एक विभाग को ही काम नहीं सौंपा गया है। केंद्रीय लोक निर्माण को भी 12 काम दिए गए हैं। वे अपनी ज़मीन पर सुई भी नहीं चुभोने देते हैं, इसलिए जहां उनकी जमीन है। उन्हीं को ये काम दिया गया है। ऊपरी शिमला को जोड़ने वाली ढली की सुरंग को बनाए 170 साल हो गए हैं। वहां एक सामानांतर सुरंग बन रही है।
एक न्यूक्लियस कार्यालय केवल मॉनिटरिंग के लिए बनाया गया है। कहीं भी पिक एंड चूज नहीं हुआ, सड़कों के साथ पगडंडियां भी बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि एफसीए की समस्या शहर में ज़रूर चल रही है। रिज के नीचे डेबरीज बैठ जाती हैं। आईआईटी रुड़की से भी परामर्श किया। वन विभाग बीच में आ गया। उनको कहा है कि अगर यहां धंस गया तो शिमला शहर के लिए पानी की आपूर्ति करने वाले टैंक को नुकसान हो सकता है। जाखू में एस्केलेटर की मंजूरी आ गई है। कृष्णानगर नाले का चैनलाइजेशन होगा। बहुत से काम हैं, मार्च के बाद बहुत से काम दिखने शुरू होंगे।
माल रोड पर तो कोई सामान्य आदमी जा नहीं सकता था। वहां जो लोग जाते थे, उन्हें सामान्य पायजामा नहीं, चूड़ीदार पायजामा और पगड़ी पहनकर जाना होता था। भारद्वाज बोले- जब मैं पैदा हुआ तो मेरी मां को भी अस्पताल रिक्शे में ले गए थे। अब गाड़ी चलती है।
चर्चा में शामिल तीन विधायक पूर्व में रह चुके शिमला नगर निगम के पार्षद
स्मार्ट सिटी पर हुई चर्चा में शामिल तीन विधायक सुखविंद्र सिंह सूक्खू, इंद्रदत्त लखनपाल और राकेश सिंघा शिमला नगर निगम के पार्षद भी रह चुके हैं। यह जानकारी सदन में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने दी।