लाखों रुपए की मंहगी गाडिय़ों की ठगी मामले में विजिलेंस की टीम ने पंजाब के डेराबस्सी से कुछ रिकॉर्ड जब्त किया है। जानकारी के अनुसार शातिरों द्वारा गाडिय़ों का पंजीकरण डेराबस्सी में करवाया गया था। इस संदर्भ में विजिलेंस की टीम ने पंजीकरण संबंधी सभी दस्तावेजों जब्त कर उसकी जांच की जा रही है।
गौर रहे कि विजिलेंस की टीम अभी तक तीन शातिरों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि एक जमानत पर है। इसके अलावा मुख्य आरोपी अभी भी विजिलेंस की गिरफ्त से दूर है। जिसकी धड़पक्कड़ के लिए जाल बिछा दिया है।
उल्लेखनीय है कि विजिलेंस की टीम अभी तक 6 वाहन रिकवर कर चुकी है, जबकि 5 वाहनों की रिकवरी शेष है। शातिरों से रिकवर किए वाहनों में 2 ब्रिजा, 1 बलेनो, 2 स्वी ट और एक वोक्स वोगन की एमवीआर शामिल है। विजिलेंस को फिलहाल एक ब्रिजा, एक ऑल्टो के-10, एक बाइक व दो स्कूटी की तलाश है। बता दें कि करोड़ों रुपए की गाडिय़ों की ठगी का यह मामला दिसंबर 2018 का है। बाहरी राज्यों के शातिरों ने प्रदेश के भोले भाले लोगों के नाम पर गाडिय़ां फाइनेंस करवाकर उन्हें पंजाब, मोहाली एवं आसपास के क्षेत्रों में कंपनियों में लगाकर 30 हजार रुपए प्रतिमाह का देने का वादा किया। इसी झांसे में लाकर शातिरों ने पीडि़तों से हल्फनामा लेकर कहा कि उन्हें आने की जरूरत नहीं है। इसी हल्फनामे का प्रयोग शातिरों ने सेलडीड में प्रयोग किया और प्रदेश की जनता को मोटा चुना लगाया।
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विजिलेंस की टीम ने पंजाब के डेराबस्सी से गाडिय़ों की पंजीकरण संबंधी रिकॉर्ड को कब्जे में लिया है। शातिरों ने डेराबस्सी में ठगी की गाडिय़ों का पंजीकरण करवाया था।
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