युवाओं की मर्यादा और मिलवर्तन ही आध्यात्मिक व सामाजिक जीवन का प्रतीक
नाहन:- संत निरंकारी मिशन के जोन नम्बर 5A सोलन के अन्तर्गत नाहन में इंगलिश मिडियम व युवा समागम का आयोजन जिला सिरमौर के नाहन में किया गया। इस समागम में चण्डीगढ़ से आई बहन सविता सैनी ने विशाल निरंकारी परिवार को संबोधित करते हुए फरमाया कि आज मानव भक्ति को अपनी सोच के मुताबिक परिभाषित करने में लगा है जबकि सत्य कुछ और है। जब तक हम इस परमात्मा की जानकारी पूर्ण सतगुरू के द्वारा प्राप्त नहीं करते तब तक हम इस संसार की दौड़ में रक्त रहते हैंं। जिस प्रकार से मीरा बाई जी ने, भक्त कबीर जी ने इस परमात्मा की जानकारी प्राप्त की, ये तब ही सम्भव हो पाया जब इन्होने सतं महापुरूषों का संग कर पूर्ण सतगुरू से ब्रह्मज्ञान को हासिल किया। आज जिस प्रकार युवा उस ओर जा रहा है जहां केवल भटकन ही है, इन सब से बचने का एक ही उपाए है वह है परमात्मा के प्रति समर्पण।
नि:संदेह सतगुरू के इस दिव्य संदेश द्वारा इन्होंने उपस्थित युवा श्रद्धालुओं को गहराई से प्रेरित किया और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने का संकल्प दिलाया।
जोन के जोनल इंचार्ज विवेक कालिया ने अपने सम्बोधन में कहा कि सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज आज युवाओं को सत्य की राह पर चलने का जो दिव्य संदेश दे रहीं हैं वहीं विभिन्न मंचों के गठन द्वारा जैसे Forum for International Languages (FIL) विभिन्न भाषाओं के माध्यम से मिशन के संदेश को प्रचारित-प्रसारित करना; Nirankari Youth Symposium (NYS) जिसे निरंकारी युवा संगोष्ठी के नाम से भी सम्बोधित किया जाता है- युवाओं की प्रतिभा को उजागर करता है तथा निरंकारी संगीत एवं कला संस्थान (NIMA) की स्थापना संगीत के प्रति प्रेम को सभी के साथ साझा करने के लिए की गई है।
2015 में सतगुरू की प्रेरणा द्वारा राज-वासदेव सिंह के प्रयास से पहला अंग्रेज़ी माध्यम समागम आयोजित किया गया, जिसका विषय था – “Youth Guided by Truth” और इस कार्यक्रम में सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी की पावन उपस्थिति रही।
इस इंगलिश मिडियम व युवा संत समागम में अनेक युवाओं ने अंग्रेजी व हिन्दी भाषा का सहारा लेकर अपने गीतों व विचारों द्वारा संत निरंकारी मिशन के मुख्य उद्देश्य को उजागर किया जिसमें कि मानव को ‘निरंकार’ यानी एक परमात्मा, सर्वव्यापी ईश्वर से साक्षात्कार करवाना है, जिससे व्यक्ति ब्रह्मज्ञान प्राप्त करे और अज्ञानता व नाकारात्मक विचारों से मुक्त होकर प्रेम, सहिष्णुता और साकारात्मकता से भरा जीवन जिए। यह मिशन स्वयं को किसी धर्म या संप्रदाय के रूप में नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक आंदोलन के रूप में प्रस्तुत करता है, जो मानवता के कल्याण और एकता पर केंद्रित है।
अन्त में निरंकारी मिशन की स्थानीय शाखा की संयोजक कौशल्या अग्रवाल ने इस समागम में आये सैकड़ों युवा व स्थानीय अनुयायियों का धन्यवाद किया तथा विशेष रूप से निरंकारी सेवादल का जिन्होंने इस समागम को सुन्दर रूप प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।