मंडी के शिवम सहगल बने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट

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शहर के जवाहर नगर निवासी शिवम सहगल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। शिवम को बचपन से ही सेना में जाने का जुनून था। शिवम ने एनडीए की परीक्षा देकर सेना में स्थान पाया था। उसके पश्चात बीटेक करने के बाद सी.डी.एस. की परीक्षा में भी पूरे भारत में 19वां रैंक हासिल किया था। दिसम्बर 2021 में एसएसबी बैंगलोर से टेक्निकल ग्रैजुएट कोर्स 134 में पूरे देश में दूसरा रैंक हासिल करके भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में प्रवेश किया।  शिवम सहगल एक साल के कठिन परिश्रम के बाद 10 दिसम्बर 2022 को भारतीय सेना में एक अधिकारी के रूप में शामिल हुए।  शिवम सहगल अब कोर ऑफ सिग्नल में अपनी सेवाएं देंगे। शिवम ने बताया कि उन्हें बचपन से ही वर्दी पहनने का मानो एक कीड़ा सा था जिसके लिए उन्होंने मेहनत की और आज यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने कहा कि देश सेवा करने के लिए भारतीय आर्मी के बराबर कोई और दूसरा विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि आज देश के युवा नशे में फंस कर अपनी जिंदगी तबाह कर रहे हैं जबकि उनमें युवा काल में अपना एक लक्ष्य निर्धारित कर उसे पूरा करने का नशा होना चाहिए।
23 वर्षीय शिवम सहगल की माता रजनी सहगल भारत संचार निगम लिमिटेड में सीनियर उपमंडल अधिकारी के रूप में महाप्रबंधक कार्यालय मंडी में अपनी सेवाएं दे रही हैं। पिता डॉ. संजय कुमार सहगल उच्च शिक्षा विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर राजकीय महाविद्यालय द्रंग नारला में कार्यरत हैं। शिवम सहगल के पिता डा. संजय कुमार सहगल ने बताया कि शिवम ने 10वीं कक्षा की पढ़ाई डीएवी मंडी व 12वीं साई विजन सीसे स्कूल भरेड़ी से की और प्रदेशभर में छठा स्थान प्राप्त किया था। जेईई मेन्स में पूरे देश में 5089 रैंक हासिल किया है।
पंजाब इंजीनियरिंग कालेज चंडीगढ़ से कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई की उसके बाद कॉरपोरेट में एक बड़े पैकेज में डेढ़ साल साफ्टवेयर इंजीनियरिंग कालेज में अपनी सेवाएं दी है। परिजनों ने बतायसा कि शिवम नेशनल लेवल का कराटे खिलाड़ी भी रहा है। वर्ष 2008 में साउथ एशियन गेम में जूनियर वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया था। शिवम सहगल के सेना में लैफ्टिनैंट बनने से क्षेत्र में खुशी की लहर है और उनके माता पिता का सीना भी गर्व से चौड़ा हुआ है। परिजनों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें अपने पुत्र पर गर्व है

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक